शिवम् मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाला मामले में मुख्य आरोपी और रिटायर्ड IAS अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला आज ED स्पेशल कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल उन्हें सरेंडर करने से रोक दिया। कोर्ट ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अभी अपलोड नहीं हुआ है, इसलिए सरेंडर की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती।

आज सुबह डॉ. शुक्ला के भिलाई स्थित घर में ED ने दी दबिश
बता दें कि आज सुबह ED की टीम भिलाई स्थित डॉ. शुक्ला के घर में दबिश दी थी। सूत्रों के अनुसार, छानबीन पूरी होने के बाद ED उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर सकती है। इसी गिरफ्तारी से बचने के लिए डॉ. शुक्ला ED स्पेशल कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे थे। डॉ. शुक्ला के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आने के बाद ही सरेंडर किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने की जमानत याचिका खारिज
बहुचर्चित नान घोटाला केस में डॉ. शुक्ला और अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी थी, जिसे दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, दोनों अधिकारियों को पहले दो हफ्ते ईडी की कस्टडी में रहना होगा। उसके बाद दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें जमानत मिल सकेगी। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों ने 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले और ईडी की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका के खारिज होने के दूसरे ही दिन यानीआज ईडी की टीम ने डॉ. आलोक शुक्ला के भिलाई के तालपुरी स्थित घर में दबिश दी।
भूपेश सरकार में मिला पॉवरफुल पोस्टिंग
गौरतलब है कि नान घोटाला का जब खुलासा हुआ था, तो आलोक शुक्ला खाद्य विभाग के सचिव थे। उन्हें भी इस मामले आरोपी बनाया गया था और दिसंबर 2018 को उनके खिलाफ कोर्ट में EOW ने चार्जशीट पेश की थी। इसके बाद 2019 को आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली गई थी। जमानत मिलने के बाद दोनों अफसरों को कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार में पॉवरफुल पोस्टिंग मिली। इस पोस्टिंग के दौरान EOW की नान घोटाले की जांच को प्रभावित करने का आरोप दोनों अफसरों पर लगा था। इसी मामले में पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ भी ईडी ने एफआईआर की थी। हालांकि सतीश चंद्र वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है।
नान घोटाला मामले में 10 जिलों में चल रही ED की कार्यवाही
बता दें, नान घोटाला मामले में प्रदेश के 10 अलग अलग जिलों में ED की कार्रवाई जारी है। दुर्ग जिले में ईडी की टीमें 2 गाड़ियों में सवार होकर पहुंची हैं। वहीं भिलाई के हुडको में सुधाकर रावटे के घर ईडी की 6 सदस्यीय टीम पहुंची है। ED के अधिकारी सुधाकर रावटे से पूछताछ कर रहे हैं और दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। कस्टम मिलिंग मामले में पूर्व IAS अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर की गिरफ्तार हो चुकी है। इनपर आरोप है कि इन्होंने मिलकर 140 करोड़ से अधिक का घोटाला किया है।
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