रोहित कश्यप, मुंगेली। मुंगेली जिले में एक ऐसा भी गाँव है, जहां रहने वालों की लोगों का मानना है कि उन्हें नागराज का वरदान मिला हुआ है, जिसकी वजह से सांप के डसने के बाद भी उनकी मौत नहीं होती. गांव वाले कहते हैं कि गांव के सरहद शुरू होने के साथ ही सांप का जहर बेअसर हो जाता है, जिसकी वजह से सांप के डसने का उन पर कोई असर नहीं होता.

बात कर रहे हैं मुंगेली जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूर स्थित गांव खेढा की. करीब 2000 हजार के आबादी वाले इस गांव में किसी भी प्रकार के सांप के डसने से लोगों की मौत नहीं होती है. गांव के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि सैकड़ों साल पहले गांव के मालगुजार को सपने में नागराज आए और कहा कि तुम्हारे गांव के तालाब के पास जो पीपल का पेड़ है, मैं वहीं पर हूं, और बड़ी मुसीबत में हूं, मेरे पास आओ. इतना कह कर वो अंतर्ध्यान हो गए. सुबह जब मालगुजार ने स्वप्न समझकर ध्यान नहीं दिया. लेकिन दूसरी रात भी उसी तरीके का स्वप्न आया, तब मालगुजार परिवार और गांव के कुछ लोगों को लेकर तालाब वाले पीपल के पास जाकर देखे तो वहां पर वाकई में एक सांप बैठा था, जिसके मुंह से खून निकल रहा था.

मालगुजार ने अपने नाई को नागदेवता को देखने के लिए बोला. उन्होंने जब पास जाकर देखा तो सांप के मुंह में एक मछली फंसी हुई थी, जिसका कांटा मुंह में फंस गया था. नाई ने कांटा निकालकर सांप को छोड़ दिया. इसके बाद नागराज फिर रात को सपने में आए और कहा कि आप के कारण मेरी जान बची है, मैं आप से बहुत प्रसन्न हूं, और मैं आप के गांव को यह वरदान देता हूं कि आज के बाद इस गांव के लोगों को कोई भी सांप डसेगा तो उसकी मौत नहीं होगी. तब से इस गांव में आज तक सांप के काटने से किसी की भी मौत नहीं हुई है.

गांव के उसी मालगुजार के परिवार के सदस्य भागवत पाण्डेय का कहना है कि आज तक हमारे गांव के कई लोगों को जहरीला से जहरीला सांप ने काटा है, लेकिन उनमे से किसी की भी मौत नहीं हुई है. सैकड़ों बरस बीत जाने के बावजूद नागराज के इस वरदान पर गांव वालों को आज भी बहुत गहरा विश्वास है.