बिलासपुर। पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाने वाले नागा साधु के मामले में थाना के सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट हो गया है कि उनसे मारपीट नहीं की गई है. नाग साधु को केवल बोलकर बाहर निकाला गया था, जबकि उन्होंने आईजी कार्यालय पहुंचकर आरोप लगाया था कि तोरवा थाना पुलिस ने उसके साथ बेरहमी से मारपीट की है.

बता दें कि सोमवार को आईजी कार्यालय पहुंचे आंध्रप्रदेश के नागा साधु ने बताया कि दो दिन पहले वह बिलासपुर पहुंचा. जैसे ही स्टेशन से बाहर निकला एक मोटर सायकल सवार उसका थैला लेकर फरार हो गया. थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुंचा तो उसके साथ पुलिस वालों ने मारपीट की है. यही नहीं उन्होंने मारपीट के निशान को भी दिखाया.

तोरवा पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्काल थाने में लगे सीसीटीवी को खंगाला. पुलिस ने सीसीटीवी में पाया कि नागा साधु स्टेशन की ओर से किसी की मोटरसायकल पर सवार हो कर थाना पहुंचा. गेट के बाद सड़क किनारे मोटरसायकल से उतरकर उसने मोटरसायकल सवार को थैला और बैग थमाया. इसके बाद वह लड़खड़ाते थाना कैम्पस में घुसा. चलने के दौरान वह काफी झूम भी रहा था.

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इस दौरान उसने थाने की तरफ इशारा कर कुछ कहा. फिर झण्डा रोहण स्थल के नीचे कुछ देर बैठा. पुलिस ने उसे बोलकर बाहर निकाला, और फिर नागा साधु वहां से चला गया. बहरहाल, पुलिस ने वीडियो जारी कर स्पष्ट किया है कि नागा साधु के साथ किसी भी तरह की मारपीट नहीं हुई है.

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इस मामले में एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि कथित नागा साधु ने तोरवा थाने में पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया था. आरोप बहुत ही गंभीर था इसलिए हमने थाने का सारा सीसीटीवी फुटेज निकलवाकर चेक किया. हालांकि, इसमें थाना परिसर में किसी भी प्रकार की कोई भी मारपीट की घटना सामने नहीं आई है. साधु जब थाने पहुंचा था, वहां पर कुछ महिलाएं भी थी जो असहज महसूस कर रही थीं, इसलिए थाने के स्टाफ ने उनसे कपड़े पहनने का आग्रह किया.