रेलवे कॉरिडोर का एमओयू निरस्त किए जाने छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. विश्वजीत ने कहा कि आज आपने रेल कॉरिडोर को लेकर मुख्य सचिव को आंकलन कर प्रतिवेदन देने कहा है जो सराहनीय कदम है.

उस दौर में भी हमने इसका विरोध किया था, विगत सरकार में जनता की सुविधा और रेलवे के सुस्त विकास को बताकर यह खेल कोयले के खनन को लेकर किया था, निजी हाथों में खनिज उत्खनन को लेकर ये खेल खेलने का प्रयास था. इससे आम रेल यात्रियों या जिन शहरों से गांव से ये रेल लाइन गुजरती उन्हें भी कोई लाभ नहीं मिलता, वरन शासकीय भूमि और निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाता और मुआवजे के नाम पर खेल खेला जाता.

माल ढुलाई से हम रेलवे को प्रति वर्ष 100  करोड़ के ऊपर की राशि देते हैं जो कि कोयला और आयरन ओर (लौह अयस्क) से राजस्व की माल गाड़ी भाड़ा से प्राप्त हो रही है.

राज्य की खनिज संपदा के दोहन और निजी तथा शासकीय भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से उत्पन्न होने वाली व्यावहारिक दिक्कतों का ध्यान रखते हुए रेल कॉरिडोर के अनुबंध को समाप्त करने पर निर्णय लेने की कृपा करें.