लक्ष्मीकांत बंसोड़, डौंडी। बालोद जिले के विकासखंड़ डौंडी में नायब तहसीलदार पर ग्रामीण ने रिश्वत लेकर फर्जी तरीके से कोटवार की भर्ती करने का आरोप लगाया है. तीन महीने बात जब उसे मानदेय नहीं मिला, तब मामले की जानकारी हुई. अब इस मामले में पीड़ित व गांव के सरपंच ने नायब तहसीलदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

दरअसल, कार्यालय नायब तहसीदार डौंडी के पत्र 31 अक्टूबर 2019 में ग्राम पंचायत आड़ेझर के मकसूदन दास पिता सुखदेव दास जाति पनिका को ग्राम का कोटवार के रूप में नियुक्ति करना बताया गया है. नियुक्ति के बाद मकसूदन दास गांव में कोटवार का कार्य करने लगा और कुछ महीनों तक करता रहा. उसके बाद उसने मानदेय के लिए नायब तहसीलदार से बात की. दिन गुजरते गए उसके बाद मकसूदन ने एसडीएम कार्यालय में जाकर पता किया तो पता चला कि ग्राम आड़ेझर में कोटवार का कोइ पद ही नहीं है और नायब तहसीलदार ने फ़र्जी नियुक्ति कर अपने पद का दुरुपयोग किया है.

मकसूदन दास ने लल्लूराम डॉट कॉम को बताया कि मेरी नियुक्ति के एवज में नायब तहसीदार ने 10 हजार रुपये लिया और मुझसे कोटवार का कार्य कराया. उन्होंने पद का दुरुपयोग करन वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

आरोप पर नायब तहसीलदार नितिन ठाकुर ने बताया कि डब्लुबीएन की शाखा में मुझे जानकारी का अभाव था इसलिए मैंने 31 अक्टूबर 2019 को नियुक्त कर दिया था. उसके बाद एसडीएम से पूर्णवलोकन के लिए जानकारी लेने के बाद पता चला तो मैंने जुलाई में आदेश को निरस्त कर दिया.

आड़ेझर के सरपंच भीखम भुवार्य ने कहा कि हमारा गांव बहुत बड़ा है. कोटवार की नियुक्ति के लिए नायब तहसीलदार ने रिश्वत लेकर फ़र्जी नियुक्ति की है. ऐसे अधिकारी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. गांव में एक कोटवार होना चाहिए. यदि कोटवार का पद नहीं है तो कोटवार के पद के लिए हम अपने क्षेत्र के मंत्री से निवेदन करेंगे.