रायपुर. राफेल लड़ाकू विमान सौदा मोदी सरकार के लिए तो मुसीबत बना ही है, साथ ही छत्तीसगढ़ के एक गांव के लिए भी परेशानी का बड़ा कारण बन गया है। राफेल विवाद की वजह से आपसाप के लोग पूरे गांव औऱ वहां रहने वाले लोगों का मजाक बनाते हैं। दरअसल छत्तीसगढ़ के महासमुंद निर्वाचन छेत्र में एक छोटा सा गांव है, जिसका नाम ‘राफेल है। इस गांव में करीब 2000 परिवार रहते है।

गांव में रहने वाले कहते हैं कि दूसरे गांवों के लोग हमारा मजाक उड़ाते हैं। वे कहते हैं कि यदि कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आई तो हमारी जांच होगी। हम गांव का नाम बदलने का अनुरोध लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय भी गए थे लेकिन हम उनसे मिल नहीं सके। उन्होंने कहा, ”राफेल विवाद के कारण यह नाम केवल नकारात्मक ध्यान आकर्षित करता है, लेकिन हमारे गांव की कोई परवाह नहीं करता। राज्य के बाहर तो अधिकतर लोगों को गांव के बारे में पता भी नहीं है।

गांववालों ने बताया कि पेयजल और स्वच्छता जैसी बुनियादी जरूरतें भी नहीं हैं। खेती बारिश के आसरे है क्योंकि यहां सिंचाई की कोई सुविधा नहीं है। गांव वालों को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि गांव का नाम राफेल क्यों रखा गया और इसका क्या अर्थ है।

उन्होंने कहा, ”हमें नहीं पता, लेकिन गांव का नाम राफेल दशकों पुराना है। साल 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन से भी पहले यह नाम है। मुझे इस नाम के पीछे का तर्क नहीं पता।

हालांकि, शिक्षित लोगों को अब ‘राफेल’ के जिक्र से असुविधा नहीं होती। सरपंच धनीराम ने बताया कि उड़िया भाषा में ‘राफेल’ का अर्थ पलायन से है। गांव के लोग रोजीरोटी के लिए पलायन करते थे तभी से पहले गांव का नाम ‘राफेल’ हो गया। अब चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर इस गांव को लेकर एक अलग तरह का मजाक चल रहा है।

सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि यदि कांग्रेस सत्‍ता में आई तो छत्तीसगढ़ के इस गांव का नाम बदल कर कुछ और रख दिया जाएगा। यह भी चुटकी ली जा रही है कि यदि कांग्रेस केंद्र में आई तो गांव के लोगों के खिलाफ जांच होगी।