पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासहीनों को शासन की योजना के अनुसार पात्र हितग्राहियों को 2022 तक आवास देने की योजना है. लेकिन जिले के सुपेबेड़ा में 65 वर्षीय गुनधर माली को मृत बताकर उसका नाम पीएम आवास की सूची से काट दिया गया.
हितग्राही कच्चे झोपड़ी पर रहने को मजबूर है, वहीं अपने जिंदा होने का सबूत देने लिए गुनधर माली 02 अक्टूबर को स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव की चौपाल में पहुंचा. जहां उसे अधिकारियों ने मंत्री से मिलने नहीं दिया, जिससे लापरवाह प्रशासनिक अधिकारियों की पोल न खुल सके.
जब स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंह देव चौपाल लगाने सुपेबेड़ा पहुंचे तो इस चौपाल में किडनी पीड़ितों के अलावा सिस्टम का मारा अधेड़ 65 वर्षीय गुनधर माली भी पहुंचा हुआ था. वह अपने जिंदा होने का सबूत देने पहुंचा था, लेकिन अधिकारियों ने उसे मंत्री से मिलने नहीं दिया.
इस मामले में केएस नागेश ने बताया कि वो केवल इस बुजुर्ग का ही नहीं, बल्कि सभी आवेदनों लेने वहां पहुंचे ताकि मंत्री के संवाद में बाधा न आए. गुनधर के मामले में लापरवाही बरतने वाले सचिव छबिलाल नायक को निलंबित कर दिया है. गुनधर का नाम आवास हितग्राही की पूरक सूची में भेजा गया है, ताकि जल्द स्वीकृत हो कर आ जाए.
गुनधर माली के तीन बेटे हैं, पर तीनों ने उन्हें अलग कर दिया है. बूढ़ी पत्नी के साथ मुख्य गली के किनारे कच्चे झोपड़ी में फटी झिल्ली तान कर पिछले 4 साल से इसी तरह रह रहा है, लेकिन वास्तविक पात्रता रखने वाले गुनधर आज भी आवास के लिए अपने आप को जिंदा साबित करने भटक रहा हैं.