सावन के पवित्र माह की शुरुआत के साथ आज से एक ओर जहां कांवड़ यात्रा की भी शुरुआत हुई है, तो दूसरी ओर कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों और ढाबों पर नेम प्लेट वाले फरमान पर घमासान भी बढ़ता जा रहा है और ये विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. इसी बीच ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद योगी सरकार के नेम प्लेट फैसले पर भड़क गए.

इस मामले पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि- ऐसे निर्देश से सिर्फ दोनों धर्मों में विद्वेष बढ़ेगा, ऐसे निर्देश देते हो फिर कांवड़ यात्रा में डीजे बजने देते हो, सिर्फ नाम बदलवा देने से कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि आखिर हम ये कैसे कह दे कि ये सही है, क्योंकि मुसलमान की दुकान है और हिन्दू नौकर है. बनाने वाले सब हिन्दू हैं और मालिक धंधा कर रहा है.

शंकराचार्य ने कहा कि इस फैसले से आर्थिक नुकसान होगा. जिससे मालिक छटनी कर देगा, जिससे हिन्दू छटनी में जाएगा. उन्होंने कहा कि इस फैसले से दोनों के अंदर भेद आ गया. अब लोगों में हिंदू-मुसलमान की भावना आ जाएगी और दोनों में टकराव और कड़वाहट आ जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि जिस उद्देश्य से फैसला लिया गया है… पवित्रता का समर्थन करते हैं. ये अचानक लिया गया फैसला है.. जैसे नोटबंदी अचानक कर दी गई थी तो लोगों को कितनी परेशानी हुई थी.

गौरतलब है कि यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग में खाने-पीने का सामान बेचने वाले दुकानदारों का नाम दुकान के बाहर लिखने का आदेश है. इसी मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के NGO ने यूपी सरकार के आदेश को संविधान के खिलाफ बताते हुए चुनौती दी है.

कांवड़ यात्रा पर CM Yogi का बड़ा आदेश: कांवड़ रूट की दुकानों पर नेमप्लेट जरूरी, फैसले पर छिड़ा सियासी संग्राम

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