मुंबई. महाराष्ट्र की राजनीति के लिए कल (30 जून) का दिन बेहद अहम होगा. राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर बहुमत साबित करने को कहा है. उससे पहले सियासी संकट के बीच उद्धव सरकार ने बड़ा हिंदुत्व कार्ड चला है. उद्धव सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने को मंजूरी दे दी है. साथ ही मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम भी बदल दिया गया है.

बता दें कि, महाराष्ट्र में सियासी संकटों के बीच शहरों का नाम बदल दिया गया है. इससे ये तो साफ हो गया है कि शिवसेना कुर्सी बचाने के लिए हिंदुत्व की राजनीति में उतर आई है. देखने वाली बात तो यह कि उद्धव ठाकरे के इस फैसले से बागियों पर कितना असर पड़ेगा. वहीं शहर के नाम बदलने की बात की जाए तो औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर रखने की मांग शिवसेना लंबे समय से करती आ रही थी. शिवसेना और उद्धव ठाकरे अक्सर औरंगाबाद को संभाजी नगर कहकर ही संबोधित किया करते थे. वहीं, उस्मानाबाद का नाम भी धाराशिव की मांग शिवसेना की थी.

हालांकि, कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाने के बाद शिवसेना की इन दोनों बातों को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिल रहा था. कांग्रेस अक्सर औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने पर आपत्ति जताती रहती थी. लेकिन अब जब महाराष्ट्र में सियासी संकट चल रहा है और उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व को साइडलाइन करने के आरोप लग रहे हैं, तब सरकार ने इन दोनों जगहों के नाम बदलने को मंजूरी दी है. औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के अलावा नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम भी बदल दिया गया है. कैबिनेट ने इस एयरपोर्ट का नाम स्वर्गीय दिनकत बालू पाटिल रख दिया गया है. दिनकत बालू पाटिल किसान नेता और सांसद रहे हैं.

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