केंद्र सरकार ने राजधानी दिल्ली की भीड़-भाड़ और जाम की समस्या को हल करने के लिए एक नई पहल शुरू की है. इसके तहत, दिल्ली से राजस्थान के अलवर तक नमों भारत ट्रेन(Namo Bharat Train) चलाने की योजना बनाई जा रही है. इस परियोजना से दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के यात्रियों को लाभ मिलने की संभावना है.

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इस परियोजना में उद्योग विहार को छोड़कर कॉरिडोर पर विभिन्न स्थानों पर स्टेशन बनाने का निर्णय लिया गया है. यह योजना दिल्ली से सराय कालेखां से लेकर राजस्थान के अलवर तक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के तहत रेपिड रेल विकसित करने की है. इस रेल प्रणाली का विकास दिल्ली-जयपुर हाइवे के साथ-साथ किया जाएगा.

तीन चरणों में होगा तैयार

नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) इस योजना को तीन चरणों में लागू करेगा. पहले चरण में दिल्ली से गुरुग्राम और शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़ तक 106 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर विकसित किया जाएगा.

पहले चरण में दिल्ली से धारूहेड़ा तक कॉरिडोर के विकास की योजना बनाई गई है, क्योंकि इस क्षेत्र में ट्रैफिक का दबाव काफी अधिक है. इसके बाद, दूसरे चरण में बहरोड़ से सोतानाला और तीसरे और अंतिम चरण में सोतानाला से अलवर तक विकास कार्य किया जाएगा.

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स्टेशन के बनने में अड़चन

उद्योग विहार क्षेत्र में शंकर चौक पर नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) द्वारा स्टेशन निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन एचएसआइआइडीसी ने इस स्थान पर स्टेशन बनाने की अनुमति नहीं दी है. उनका तर्क है कि इस क्षेत्र में ट्रैफिक का दबाव अधिक है, जिससे भविष्य में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. जानकारी के अनुसार, शंकर चौक से कुछ दूरी पर स्टेशन के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध है, और वहां स्टेशन निर्माण के लिए संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है. इस विषय पर निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो यह तय करेगी कि स्टेशन कहां बनाना उचित होगा.

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क्या होगा योजना से फायदा?

यह नमो भारत ट्रेन देश की पहली क्षेत्रीय त्वरित परिवहन सेवा है, जिसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित और समय की बचत करते हुए यात्रा की सुविधा प्रदान करना है. यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने में सक्षम होगी, जबकि इसकी औसत गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी. ट्रेनों को कुछ मिनटों के अंतराल पर चलाया जाएगा, जिससे यात्री आसानी से एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंच सकेंगे. इस कॉरिडोर में कुल 19 स्टेशन स्थापित किए जाएंगे.