संदीप करिहार, बिलासपुर। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने जोगी मामले में देरी के लिए पार्टी के ही नेताओं को ज़िम्मेदार बताया है. नंदकुमार साय ने बिलासपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पार्टी के ही कुछ लोगों का संरक्षण था जिसके चलते ये मामला अब तक अटका था.
नंदकुमार साय ने ये भी कहा कि वे लंबे समय से जोगी के खिलाफ केस लड़ रहे थे लेकिन उन पर भी आंतरिक दबाव था. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में पार्टी का अंदरुनी सहयोग नहीं होता तो ज़माने पहले फैसला आ जाता. साय ने कहा कि अजित जोगी के खिलाफ की लड़ाई को हर मैदान में लड़ेंगे.
जब उनसे पूछा गया कि अजीत जोगी ने 6 बार जाति मामले में कोर्ट में जीत हासिल करने का दावा किया है तो उन्होंने इसका जवाब एक कविता सुनाकर दिया. “अखिल विश्व को अटल चुनौती कोई माने या ना माने..”, “डटे हुए है समर भूमि में बाधाओ में सीना ताने..” . उन्होंने कहा कि जोगी किसी भी कोर्ट में चले जाएं मामला यही रहेगा.
उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि भूपेश बघेल ने उनकी मुलाकात हुई है. साय ने हाईपावर कमेटी के रिपोर्ट पर जोगी का आरोप को पूरी तरह ख़ारिज़ कर दिया.