Narak Chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली. यह ​दिवाली के पहले आती है. इसका अपना विशेष महत्व है. सूर्यास्त के बाद घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाया जाता है. इसमें चावल, दाल, सरसों, चना और मटर जैसे 5 प्रकार के अनाज डाले जाते हैं. इसे यम देवता के नाम पर जलाया जाता है, जो मृत्यु के देवता हैं. ऐसी मान्यता है कि जलाया गया दीपक यमराज देवता को प्रसन्न करता है. इसे ‘यम दीपदान’ कहते हैं.

आईए इस आर्टिकल में इस प्रथा के बारे में और जानते हैं. यह प्रथा दिवाली महा उत्सव के साथ ही शुरू हुई है.

अकाल मृत्यु को टाल देता है

मान्यता है कि यम देवता के नाम पर जलाया गया दीपक अकाल मृत्यु को टाला देता है. अगर, परिवार पर कोई संकट हो या किसी सदस्य विध्न मंडरा रहा हो तो यम दीपक की रोशनी उसे खत्म कर देती है. पूरे परिवार की रक्षा करती है. परिवार की समृद्धि, सुरक्षा और शांति के लिए यह अनुष्ठान दिवाली के पूर्व किया जाता है. इससे सालभर यमराज देवता की कृपा बनी रहती है. यह हमारी पंरपरा का हिस्सा है. इसका उल्लेख ग्रंथों में मिलता है.

यम दीपदान कब और कैसे करें?

यम का दीपक नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली के दिन जलाया जाता है. इसे मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा में रखा जाता है, क्योंकि दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है. इसे सूर्यास्त के बाद जलाया जाता है.

दिवाली से पहले ही क्यों जलाना है यम का दीया?

दिवाली सुखियों का त्यौहार है, और यमराज की कृपा पाने का अवसर भी है. दीपक जलाने से घर के सदस्यों को सुरक्षा मिलती है. सभी बुरी शक्तियों से बचाव भी होता है.