Naraka Chaturdashi: नरक चतुर्दशी के त्यौहार को रूप चौदस और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन यम के नाम का दीपक जलाया जाता है. इस दिन कुछ खास उपाय करने से हर तरह के दोष से छुटकारा मिलता है. इस बार नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे शुरू हो रही है और 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे समाप्त होगी. 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली मनाई जाएगी.

  • नरक चतुर्दशी के दिन लौंग, कपूर और तमालपत्र एक साथ जलाएं. इसे परिवार के किसी सदस्य के ऊपर से उतारकर जल में प्रवाहित कर दें. ऐसा करने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी. जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
  • इस दिन दक्षिण दिशा में यमराज को समर्पित दीपक जलाने की परंपरा है. ऐसा करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है.
  • नरक चतुर्दशी के दिन मुख्य द्वार पर तेल का दीपक जलाना चाहिए. इस दिन तेल का दीपक जलाने से घर में सकारात्मकता आती है.
  • नरक चतुर्दशी के दिन लाल चंदन, गुलाब के फूल और रोली से पूजा करनी चाहिए. इसकी पूजा करने के बाद इसे तिजोरी में रखें. ऐसा करने से धन में वृद्धि हो सकती है.

इस दिन मिट्टी में उगे अपमार्ग की जड़ के साथ उसका गोल टुकड़ा सिर पर घुमाने की परंपरा है. कहा जाता है कि ऐसा करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और नरक का भय नहीं रहता. दरअसल, आज नरक चतुर्दशी के दिन जो भी कार्य किए जाते हैं, वह कहीं न कहीं इस बात से जुड़े होते हैं कि व्यक्ति को नर्क का डर न रहे और वह बिना किसी भय के सुखपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करे. तो अपने डर पर काबू पाने के लिए ये सभी काम आज ही करने चाहिए.