Narasimha Jayanti 2025: भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह भगवान की जयंती 11 मई को मनाई जाएगी. आंध्र प्रदेश के प्राचीन सीमांचलम मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. यह मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख नरसिंह मंदिरों में से एक है. यहां भगवान नरसिंह की मूर्ति को वर्षभर चंदन के लेप से ढका जाता है, जिसे अक्षय तृतीया के दिन हटाया जाता है. इस अवसर को “चंदनोत्सव” कहा जाता है.

हालांकि नरसिंह जयंती के दिन यह लेप नहीं हटाया जाता, फिर भी इस दिन भगवान की विशेष पूजा, हवन, रथ यात्रा और भजन संध्या का आयोजन किया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, नरसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यप का अंत कर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी. यह अवतार आधा मानव और आधा सिंह के रूप में जाना जाता है, जो धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश का प्रतीक है.

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Narasimha Jayanti 2025
Narasimha Jayanti 2025

मंदिर के विषय में जानें (Narasimha Jayanti 2025)

विशाखापट्टनम स्थित सीमांचलम मंदिर भगवान विष्णु के वराह-नरसिंह रूप को समर्पित है और इसे कई नामों से जाना जाता है. प्रमुख नाम हैं — वराह लक्ष्मी नरसिंह मंदिर, जहां लक्ष्मी माता सहित वराह और नरसिंह अवतार की पूजा होती है.
अन्य नाम हैं — श्री वराहनरसिंह स्वामी मंदिर, श्रीमन्नारायण स्वामी मंदिर, जो वैष्णव परंपरा से जुड़े हैं.
इस मंदिर को “चंदन नरसिंह मंदिर” भी कहा जाता है क्योंकि यहां मूर्ति पर वर्षभर चंदन का लेप रहता है.
सिंहाचलम या सिंहाचल मंदिर का अर्थ है ‘सिंह की पहाड़ी’, जो भगवान के पर्वतीय निवास को दर्शाता है.

देशभर में प्रसिद्ध नरसिंह मंदिर (Narasimha Jayanti 2025)

  • सीमांचलम मंदिर (आंध्र प्रदेश): मूर्ति पर चंदन लेप और चंदनोत्सव के लिए प्रसिद्ध.
  • अहोबलम मंदिर (आंध्र प्रदेश): नरसिंह भगवान के नौ रूपों की पूजा होती है.
  • यदुगिरी गुट्टा मंदिर (तेलंगाना): पर्वतीय क्षेत्र में स्थित, हाल ही में भव्य पुनर्निर्माण हुआ है.
  • नरसिंहगढ़ मंदिर (मध्य प्रदेश): प्राकृतिक गुफा में स्थित, ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का केंद्र.
  • पंचमुखी नरसिंह मंदिर (कर्नाटक): यहां भगवान के पांच मुखों वाले स्वरूप की पूजा की जाती है.
  • पालड़ी नरसिंह मंदिर (राजस्थान): मेवाड़ क्षेत्र में स्थित, पुरातन काल से आस्था का केंद्र.

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