दिल्ली- प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी की अब तक हुई 84 विदेश यात्राओं में 1484 करोड़ रूपए की बड़ी रकम खर्च की गई है. यह रकम मोदी के चार्टर्ड उड़ानों, विमानों के रखरखाव और हाॅटलाइन सुविधाओं पर खर्च की गई है. राज्यसभा में गुरूवार को एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने यह लिखित जानकारी दी है.
विदेश मामलों के राज्य मंत्री वी के सिंह ने मोदी के विदेश यात्राओं के दौरान तीन मदों में किए गए खर्च का ब्यौरा दिया है. विदेश राज्यमंत्री के लिखित जवाब में बताया गया है कि 15 जून 2014 से 10 जून 2018 तक की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री के विमान के रखरखाव पर 1088.42 करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं. वहीं चार्टर्ड उड़ानों पर 387.26 करोड़ रूपए खर्च किए गए. हाॅटलाइन पर 9.12 करोड़ रूपए का खर्च हुआ.
मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से 42 विदेश यात्राओं में कुल 84 देशों का दौरा किया है. राज्य मंत्री के लिखित जवाब में बताया गया है कि 2017-18 और 2018-19 में उनकी विदेश यात्राओं के दौरान हाॅटलाइन सुविधाओं पर हुआ व्यय शामिल नहीं है. जवाब में 2018-19 में यात्राओं के लिए चार्टर्ड उड़ानों की लागत भी शामिल नहीं है. वी के सिंह के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने 2015-16 में अधिकतम 24 देशों की यात्राएं की है. वहीं 2017-18 तथा 2016-17 में 18 देशों की यात्राएं की. साल 2014-15 में मोदी ने 13 देशों का दौरा किया है.
वी के सिंह ने लिखित जवाब में बताया कि साल 2018 में उन्होंने अब तक 10 देशों की यात्राएं की है. प्रधानमंत्री का अंतिम दौरा चीन का रहा है. जबाव में कहा गया है कि साल 2014-15 में विदेशी गंतव्यों के लिए चार्टर्ड उड़ानों की लागत 93.76 करोड़ रुपये थी, जबकि साल 2015-16 में यह लागत 117 करोड़ रुपये थी. 2016-17 में, लागत 76.27 करोड़ रुपये तथा साल 2017-18 में, चार्टर्ड उड़ान पर खर्च 99.32 करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं का उद्देश्य व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, विकास भागीदारी सहित विभिन्न क्षेत्रों में इन देशों के साथ परस्पर सूझबूझ बढ़ाना है. इन यात्राओं से इस अवधि के दौरान राजनयिक पहुंच में इजाफा हुआ है. इस पहुंच से अन्य बातों के साथ साथ सरकार के राष्ट्रीय विकास के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हमारे विदेशी सहभागियों की सम्बद्धता बढ़ी है.