रायपुर. कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी के खिलाफ चुनाव आयोग की नोटिस को लेकर सियासत गरमा गई है. शैलेष और किरणमयी नायक के बयान पर बीजेपी के विधिक प्रभारी नरेश चंद गुप्ता ने जवाब दिया है.
नरेश गुप्ता ने कहा है कि बिना तथ्यों के बयान देना भी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है. उन्होंने शैलेष नितिन पर आरोप लगाए कि जिस दिन उन्होंने शिकायत की थी उस दिन कारवां मैगजीन की रिपोर्ट का हवाला नहीं दिया था. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में जिस दस्तावेज़ को आईटी विभाग की रेड में बरामद बताया जा रहा है. उसका खंडन आईटी विभाग ने किया है.
उस दस्तावेज़ में न तो आईटी के किसी अधिकारी के दस्तखत हैं न ही तारीख का ज़िक्र है.
गौरतलब है कि शैलेष नितिन त्रिवेदी ने आरोप लगाया था कि येदियुरप्पा की डायरी के पन्नों में बीजेपी को पैसा पहुंचाए जाने की बात सामने आई है. इन आरोपों पर नरेश गुप्ता ने आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी. जिसके बाद आयोग ने शैलेष नितिन त्रिवेदी को नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा था.
शैलेष नितिन ने आज गिरीश देवांगन और किरणमयी नायक के साथ चुनाव आयोग में जाकर अपना जवाब दाखिल किया और बीजेपी के खिलाफ शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है. दोनों ने नरेश गुप्ता पर आरोप लगाया नरेश गुप्ता विधि और कानून भूल चुके है कि किन विषयों पर आचार संहिता में शिकायत की जानी चाहिए और किन पर नहीं. शैलेश नितिन त्रिवेदी मीडिया विभाग के अध्यक्ष है ऐसी स्थिती में वो पार्टी के पोलटिकल मेटर पर राजनीतिक बयान जारी करते है तो उस राजनीतिक बयान से किस आधार पर आचार संहिता का उल्लंघन होता है?