मुकेश महेता, बुधनी (सीहोर)। आज भूतड़ी अमावस्या के पर्व पर नर्मदा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जमकर सैलाब उमड़ा। इसी बीच मध्य प्रदेश के बुधनी के सभी नर्मदा घाटों पर श्रद्धालु पहुंचे। जहां देवबाबा एवं बाहरी बाधा से पीड़ित रोगियों को लेकर आए थे।
इसे भूतड़ी अमावस्या इसलिए कहा जाता है कि 15 दिन पितृ पक्ष मलमास होता है। इन दिनों के बाद अमावस्या पर जिन लोगों के शरीर में देवी देवता आते हैं उन्हे यह भूतड़ी अमावस्या स्नान करना आवश्यक होता है। आज के स्नान के बाद इन की बैठक शुरू होती है। इन पांडा पाडिया के साथ लोग भी आते हैं। जिनके शारीरिक बाहर तंत्र मंत्र बाधा होती उनका आज भूतड़ी अमावस्या पर स्नान के दौरान नर्मदा नदी में इलाज किया जाता है। इसके लिए बुधनी का आंवली घाट विशेष माना गया है। यहां रात भर बैठक होती है। कहा जाता है कि, देवी देवता भी घूमते हैं। इसी बीच आज बुधनी के सभी नर्मदा घाटों पर श्रद्धालु पहुंचे। यहां रात पर पांडा पाडिया बैठक करते रहे। बाहर से दूर-दूर लोग पहुंचे वहीं स्थानीय लोगों ने भी स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
क्या है भूतड़ी अमावस्या ?
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भूतड़ी अमावस्या कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार जिन लोगों की मौत अकाल मृत्यु के रूप में होती है और उनकी अंतिम क्रिया कर्म सही तरीके से नहीं हो पाता है और उनकी आत्माएं अतृप्त रह जाती हैं ये भूतों का रूप ले लेते हैं। अकाल मृत्यु के कारण ये आत्माएं नकारात्मक शक्ति के रूप में धरती पर भटकती रहती हैं। जिसके कारण उन्हें मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है।
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