सुशील सलाम,कांकेर. जिले में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए गांव में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों जैसे-नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी का समन्वित विकास कर लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाएगा. कलेक्टर रानू साहू की अध्यक्षता में आज कृषि, उद्यानिकी, जलसंसाधन, पशुधन विकास, ऊर्जा, कृषि विज्ञान केन्द्र इत्यादि विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई. जिसमें कलेक्टर ने प्रत्येक ब्लॉक में पांच-पांच ग्राम पंचायतों का चयन कर पशुओं के लिए गौठान, चारागाह का विकास, नदी-नालों का जीर्णोधार, ग्रामीणों के बाड़ी में सब्जी-भाजी इत्यादि के लिए प्राक्कलन अतिशीघ्र प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया. इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी भी मौजूद थी.

जिले में विद्यमान नरवा अर्थात नदी-नालों का चिन्हांकन किया जाएगा तथा उनके उद्गम स्थल से अंत तक जीर्णोधार के कार्य किए जाएंगे. नदी-नालों के किनारे सीताफल के पौधे भी लगाए जाएंगे. पशुधन का नस्ल सुधार किया जाएगा. उनके लिए गौठान एवं चारागाह, पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी तथा घुरूवा से कम्पोस्ट/जैविक खाद बनाया जाएगा. चयनित ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों के बाड़ी में उद्यानिकी फसलों/सब्जी-भाजी का उत्पादन किया जाएगा. आवश्यकतानुरूप उन्हें साग-सब्जी के बीज उपलब्ध कराये जाएंगे.

कलेक्टर रानू साहू ने संबंधित सभी अधिकारियों को तत्काल प्राक्कलन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं ताकि समय-सीमा के भीतर कार्य शुरू किया जा सके.