Sports news. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) के पहले दो टेस्ट को गंवा चुकी ऑस्ट्रेलियाई टीम को तीसरे मैच में अनुभवी स्पिनर नाथन लियोन ने जोरदार वापसी करने का मौका दिया है. उन्होंने अपनी फिरकी की जादू से गुरुवार को तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन भारत की दूसरी पारी में 8 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा. जिससे ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए महज 76 रनों का लक्ष्य मिला. इस अनुभवी स्पिनर ने कहा कि मैं तब खुश होता हूं जब बल्लेबाज मेरे खिलाफ रक्षात्मक होकर खेलने लगते हैं.

अपना 118वां टेस्ट खेल रहे 35 वर्षीय लियोन अब तक 479 विकेट ले चुके हैं और गेंदबाजी के बारे में अपने नजरिए को लेकर उन्होंने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि मैं किस विकेट पर खेल रहा हूं. अगर मैं किसी को रक्षात्मक खेलने के लिए बाध्य कर सकता हूं तो मैं बहुत खुश हो जाता हूं. मेरी गेंदबाजी का राज यही है कि मैं कोशिश करता हूं कि खिलाड़ी मेरे खिलाफ लंबे समय तक ‘डिफेंड’ करता रहे. इसका मतलब है कि मैं सही लाइन एवं लेंथ में गेंद फेंक रहा हूं.

लियोन ने कहा कि अगर खिलाड़ी मुझ पर बड़ा शॉट लगाने की कोशिश करता है तो मुझे ज्यादा परेशानी नहीं होगी. टेस्ट इतिहास में मेरे खिलाफ सबसे ज्यादा छक्के लग चुके हैं इसलिए मैं छक्का जड़े जाने को लेकर डरता नहीं हूं. यह एक बड़ी चुनौती होती है लेकिन मुझे इससे परेशानी नहीं होती. लेकिन सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है कि खिलाड़ी आपके खिलाफ रक्षात्मक होकर खेलने लगे. उन्होंने सभी विकेट ‘राउंड द विकेट’ गेंदबाजी करते हुए लिए.

लियोन ने कहा कि मैं जानता हूं कि काफी लोग ‘राउंड द विकेट’ गेंदबाजी को नकारात्मक मानते हैं. लेकिन मैं इसे इसके उलट देखता हूं. मुझे लगता है कि यह काफी आक्रामकता भरी होती है. उन्होंने चेतेश्वर पुजारा की तारीफ करते हुए कहा कि वह अविश्वसनीय क्रिकेटर है. वह जिस तरह से खेलता है, मैं उसका काफी सम्मान करता हूं. उसे कुछ भी डिगा नहीं सकता, भले गाबा की उछाल भरी पिच हो या फिर इंदौर की स्पिन लेती पिच. वह इनसे निपटने का अपना तरीका ढूंढ ही लेता है.