अमृतांशी जोशी, भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) शिक्षक बनकर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाते हुए दिखेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री ने इसके लिए शिक्षा विभाग की अनुमति की बात कही है। सीएम राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे- 2021 (National Achievement Survey-2021) कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि अगर शिक्षा विभाग अनुमति देगा तो महीने दो बार मैं भी पढ़ाने स्कूल आऊंगा। ‘स्कूल चले हम’ योजना (School Chale Hum) दोबारा लागू करेंगे। वहीं एमपी में 8वीं के छात्र इंटेलिजेंस की पढ़ाई करेंगे। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां 8वीं के छात्र इंटेलिजेंस की पढ़ाई करेंगे।
राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में ‘राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे-2021’ के विश्लेषण और भावी रणनीति पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Education Minister Inder Singh Parmar) शामिल हुए। इस अवसर पर शिक्षकों का सम्मान किया गया। इस दौरान शिक्षकों ने सीएम शिवराज से सवाल भी किया। जिसका मुख्य़मंत्री ने जवाब दिया।
सीएम शिवराज ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि निकायों के चुनाव की घोषणा हो गई है, लेकिन इसके बाद हम शिक्षा जगत को जोड़ कर एक बड़ा कार्यक्रम करेंगे। जहां अच्छा काम करने वाले शिक्षकों को मैं नमन करुंगा। अभी हम टॉप- 5 में आ गए है पर अब टॉप-2 या 3 नहीं चलेगा। अब तो फ़र्स्ट आना है। पहले की सरकार मई व्यवस्था बहुत ख़राब थी। पढ़ाने की जगह शिक्षक आंदोलन करते रहते थे। शिक्षक आंदोलनकारी हो गए थे। चपरासी से कम वेतन दे कर अगर ये करवाना चाहोगे तो यही होगा। मुझे संतोष है की हमने इस व्यवस्था को बदला। अब शिक्षा में कर्मी कल्चर नहीं चलेगा। आज सरकारी स्कूल में व्यवस्था बदल रही है , पूरी टीम ने चमत्कार करके दिखाया है।
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प्राइवेट स्कूलों में भी गुणवत्ता बढ़ाने मैकेनिज्म तैयार करेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनौतियां बढ़ गई है। सरकारी स्कूलों को लेकर अब धारणाएँ बदलें। मैंने जब स्कूल खोले तो मुझे गालियाँ पड़ी। बैठे बैठे बच्चे कुंठित हो गए थे। हमें एक सोर्स चाइए , एक माइंडसेट चाहिए। हम शैक्षिक संवाद लगातार जारी रखेंगे। प्राइवेट स्कूल में भी गुणवत्ता बढ़े इसका भी मैकेनिज्म तैयार करें। स्कूल चले अभियान के लिए कई आइडिया थे पर चुनाव आ गए। पालक और शिक्षक बैठक होनी ही चाइए। स्कूल की रैंकिंग ज़रूरी है , होनी ही चाहिए। सबके मन में भाव रहे की मैं अपने स्कूल को पहले नम्बर पर लेके आऊँगा। कुपोषण के ख़िलाफ़ अगर समाज अभियान में जुट गया तो चमत्कार हो जाएगा। उनको जोड़े जो अनुशासन से काम करें। स्कूल की देख रेख करें।
विभाग जिला और ब्लॉक लेवल पर भी शिक्षकों का सम्मान समारोह करें
साल में एक बार शिक्षकों के लिए सम्मान समारोह होना चाइए। प्रदेश स्तर के साथ ही जिला और ब्लॉक लेवल पर भी शिक्षकों का सम्मान समारोह होना चाहिए। कुछ मत करो , एक श्री फल देदो , एक शॉल दे दो , वो ख़ुश हो जाएंगे। बेहतर परफॉर्मेंस करने वालों को कैसे बेहतर दिया जा सकते ऐसा मैकेनिज्म बनाएं। साल में एक बार सम्मान समारोह आयोजित किया जाए। हमारे शिक्षा विभाग ने शिक्षा से जुड़े अधिकारियों ने शिक्षकों ने बहुत अच्छा काम किया है। सबको प्रणाम और बधाई।
पूर्व छात्र स्कूल में जाकर सहयोग करेः सीएम
सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में पहले एमपी में 17वें नम्बर था। अब हम पांचवें नंबर पर आ गए हैं। अब हमारी कोशिश होगी कि हम नंबर वन तक पहुंचे। स्कूल शिक्षा विभाग ने जो इनोवेशन किया है उसके लिए भी बहुत-बहुत बधाई। सीएम राइज स्कूल भी जल्द शुरू होगी। स्कूल चले हम अभियान से हम बच्चों को स्कूल से जोड़ना चाहते हैं। सीएम ने पूर्व छात्रों से अपील करते हुए कहा कि- पूर्व विद्यार्थी साल में कम से कम एक बार अपने विद्यालय में जरूर जाएं और सहयोग करें।
राष्ट्रीय नहीं अब अंतराष्ट्रीय सर्वे की तैयारी करें
शिक्षा मंत्री मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि कोविड के समय डर लग रहा था स्कूल खोले या नहीं लेकिन सीएम ने स्कूल खोलने का इतिहासिक फैसला लिया।इस बार सर्वे में जो राज्य ऊपर रहते थे अब नीचे हो गए है। राष्ट्रीय सर्वे नहीं अब अंतराष्ट्रीय सर्वे की हमारा विभाग तैयारी करेगा। मप्र पहला राज्य होगा जो इस सत्र से 53 स्कूलों में 8वीं से इंटेलिजेंस की पढ़ाई करवाएंगे।
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