National Education Day 2025 : भारत में आज यानी 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है. यह दिन देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलान आजाद की जयंती के रूप में मनाया जाता है. भारत की नींव मजबूत करने के साथ ही उन्होंने आधुनिक शिक्षा व्यवस्था की शुरुआत की थी. 

कौन थे मौलाना अबुल कलाम आजाद?

मौलाना आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था. उनका पूरा नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन था. वो एक महान विचारक, लेखक और स्वतंत्रता सेनानी थे. स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री बनने से पहले वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के वरिष्ठ नेता भी रहे. साल 1923 में सिर्फ 35 साल की उम्र में वे कांग्रेस के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने उनकी सोच थी कि शिक्षा सिर्फ नौकरी पाने का जरिया नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा देने का माध्यम है.

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस?

यह दिन अबुल कलाम आज़ाद की जयंती का सम्मान करता है, मौलाना आज़ाद को उनके अमूल्य योगदान के लिए 1992 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था. भारत सरकार ने देश की शिक्षा प्रणाली में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के योगदान को मनाने के लिए सितंबर 2008 में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस घोषित किया.

मौलाना आजाद के अहम योगदान

अबुल कलाम आज़ाद 18 नवंबर, 1888 को जन्मे आज़ाद एक स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद्, विद्वान और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे. उन्होंने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) जैसे शीर्ष शिक्षा निकायों की स्थापना की.

इसके अलावा उन्होंने देश के पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, आईआईटी खड़गपुर की भी स्थापना की और उनके मार्गदर्शन में, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान (सीएसआईआर), साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद, संगीत नाटक अकादमी और परिषद सहित कई शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए गए.