नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को आज राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. सरकार की ओर से 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति का एलान किया गया. इस नीति पर अभी भी चर्चा जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये सरकार की शिक्षा नीति नहीं है. ये देश की शिक्षा नीति है. वहीं, राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी की आवश्यकताओं व आकांक्षाओं के अनुरूप देशवासियों को, विशेषकर युवाओं को आगे ले जाने में सक्षम होगी.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर ‘राज्यपालों के सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी बोले कि मैं सर्वप्रथम राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करता हूं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में ये आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. शिक्षा जगत का सैकड़ो वर्षों का अनुभव यहां एकत्रित है.

पीएम मोदी ने कहा कि देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है. शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र,  राज्य सरकार, स्थानीय निकाय  सभी जुड़े होते हैं. लेकिन ये भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए.

प्रधानमंत्री बोले कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सही मायने में बिना दबाव के, बिना अभाव और बिना प्रभाव के सीखने के लोकतांत्रिक मूल्यों को हमारी शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनाया गया है.

नई शिक्षा नीति, पढ़ने के बजाय सीखने पर फोकस करती है और पाठ्यक्रम से और आगे बढ़कर गहन सोच पर ज़ोर देती है. इस पॉलिसी में प्रक्रिया से ज्यादा जुनून, व्यावहारिकता और प्रदर्शन पर बल दिया गया है.

पीएम मोदी ने कहा कि लंबे समय से ये बातें उठती रही हैं कि हमारे बच्चे बैग और बोर्ड एग्ज़ाम के बोझ तले, परिवार और समाज के दबाव तले दबे जा रहे हैं. इस पॉलिसी में इस समस्या को प्रभावी तरीके से एड्रेस किया गया है.

ये शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा नीति नहीं है. ये देश की शिक्षा नीति है. जैसे विदेश नीति देश की नीति होती है, रक्षा नीति देश की नीति होती है, वैसे ही शिक्षा नीति भी देश की ही नीति है.

भारतीय जीवन-मूल्यों पर आधारित आधुनिक शिक्षा प्रणाली विकसित करनी है- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि 1968 की शिक्षा नीति से लेकर इस शिक्षा नीति तक, एक स्वर से निरंतर यह स्पष्ट किया गया है कि केंद्र व राज्य सरकारों को मिलकर सार्वजनिक शिक्षा के क्षेत्र में GDP के 6 प्रतिशत निवेश का लक्ष्य रखना चाहिए. 2020 की शिक्षा नीति में इस लक्ष्य तक शीघ्रता से पहुंचने की अनुशंसा की गई है.

नई शिक्षा नीति में इस बात पर बल दिया गया है कि हम सबको भारतीय जीवन-मूल्यों पर आधारित आधुनिक शिक्षा प्रणाली विकसित करनी है. साथ ही यह भी प्रयास करना है कि सभी को उच्च गुणवत्ता से युक्त शिक्षा प्राप्त हो तथा एक जीवंत व समता-मूलक नॉलेज सोसाइटी का निर्माण हो.