रायपुर। छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 176(3) के तहत सात वर्ष से अधिक सजा वाले प्रकरणों में अनिवार्य रूप से फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट द्वारा जांच की जाएगी. ऐसे मामलों में फॉरेंसिक साइंस विशेषज्ञों की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, रायपुर में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) का एक नया कैंपस शुरू किया गया है.


डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रेरणा से यह महत्वपूर्ण पहल की गई है. जब तक नया भवन बनकर तैयार नहीं हो जाता, तब तक गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज (GEC) रायपुर के परिसर से कैंपस का संचालन किया जाएगा.
तीन प्रमुख कोर्सों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू
एमएससी फॉरेंसिक साइंस (3 सीटें)
एमएससी डिजिटल फॉरेंसिक एंड इनफॉर्मेशन सिक्योरिटी (3 सीटें)
प्रोफेशनल डिप्लोमा इन क्राइम सीन मैनेजमेंट (20 सीटें)
इन सभी कोर्सों में प्रवेश के लिए स्नातक की योग्यता आवश्यक है. इच्छुक छात्र nfsc.nic.in/admission वेबसाइट पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं.
डिप्टी सीएम ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 18 मार्च 2025 से प्रारंभ हो चुकी है और आवेदन भरने की अंतिम तिथि 5 मई 2025 है. प्रवेश के लिए एग्जाम 7 और 8 जून 2025 को आयोजित होगा, तथा परिणाम 23 जून 2025 को घोषित किया जाएगा. यह परीक्षा राष्ट्रीय स्तर की होगी, लेकिन मेरिट सूची राज्य स्तर पर तैयार की जाएगी, जिससे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए बड़ी संभावनाएं हैं.
फिलहाल 80 सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है. भविष्य में सीटों और कोर्सेज की संख्या बढ़ाने तथा लगभग 400-500 करोड़ रुपये की लागत से नया अत्याधुनिक भवन बनाने की योजना भी प्रस्तावित है.
डिप्टी सीएम ने युवाओं से अपील की है कि वे इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं और समय रहते आवेदन जरूर करें.
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