रायपुर. राजधानी रायपुर में आज राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रमन सिंह, केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी पहुंच हुए हैं. इस दौरान केन्द्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टमटा कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में समारोह का आयोजन किया गया है. इस दौरान कार्यक्रम में मंत्री पुन्नूलाल मोहले, सांसद रमेश बैस भी मौजूद हैं.
इस अवसर पर सिद्ध हस्तशिल्पियों को शिल्प गुरू पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए. छत्तीसगढ़ के कुल 33 लोगों को पुरुस्कृत किया गया है. आयोजन में 8 शिल्पियों को शिल्प गुरू पुरस्कार और 25 शिल्पियों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. साथ ही पुरस्कार के रूप में दो लाख रूपए नगद और एक स्वर्ण सिक्के के साथ शॉल, प्रमाण पत्र और ताम्र पत्र दिए गए.
इस दौरान स्मृति जुबेन ईरानी ने कहा कि बीते 15 वर्षो में जब भी छत्तीसगढ़ आना हुआ तो सीएम रमन सिंह के मुख से केवल एक ही बात सुनी छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया. उन्होंने कहा कि कलाकारों की ये धरा है यहां आना हर केंद्रीय मंत्री के लिये सौभाग्य की बात है. जब हमारे सम्मानित शिल्पकारों से सीएम भेंट कर रहे थे उनमें से एक शिल्प गुरु ने रमन सिंह से मुस्कुराते हुए कहा कि साहब आप यहां आए है लेकिन बाहर जो दीनदयाल जी की मूर्ति है उसे मैनें बनाया है. एक मूर्तिकार के लिए ये सबसे बड़ा सौभाग्य है. रोमन आर्ट के माध्यम से कच्छ की परंपरा को खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया गया
सीएम रमन सिंह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम पहले दिल्ली और दिल्ली के आसपास ही होते रहे हैं, लेकिन 18 वर्षो की अपनी इस यात्रा में छत्तीसगढ़ ने नए आयाम रचे है. यहां ऐसे ओडिटोरियम का निर्माण हमने किया जहां नेशनल स्तर के कार्यक्रमों का आयोजन हम करा सकें. यहां आज शिल्पकारों से मैं मिला ये पीढ़ी दर पीढ़ी काम करते आ रहे है और ये हजारों साल पुरानी संस्कृति की धरोहर है. जिन्होंने हजारों साल पुरानी कला को उन्होंने आज भी जीवित रखा है. उन्होंने कहा कि हमारे बीच एक व्यक्ति है जो एक कलाकार है रमेश बैस जो एक शिल्पकार है खाली समय में वो शिल्पकारी करते है. विगत तीन वर्षों में शिल्प सम्मान प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों की संख्या भी बढ़ी इसके लिए उन्हें बधाई दी.
उन्होंने आगे कहा कि यहां के कलाकरों ने भी उम्दा प्रदर्शन किए है हमने यहां उनके प्रोत्साहन के लिए एम्पोरियम बनाया. पहले इसकी संख्या 7 थी आज वो बढ़कर 17 हो गई है. माटीकला बोर्ड को भी हम प्रोत्साहित कर रहे है. रायपुर शहर के मध्य में 8 दुकान है जहां प्रदेश भर से लोग हस्त शिल्प लेने आते है. बस्तर में शिल्प के लिए काम हो रहे है वहां के लोगों को हम जयपुर भेजते है जहां का पूरा खर्चा भी हम उठाते है. अलग-अलग योजनाओं में 3 लाख तक का कर्ज शिल्पकारों को और उस कर्ज में 1.5 लाख की सब्सिडी हम देते है. नई योजना भी बन रही है आने वाले समय 2025 में नवा छत्तीसगढ़ के तहत और शिल्पकारों का उद्धार होगा.
जिन शिल्पकारों को वर्ष 2016 का शिल्प गुरू पुरस्कार दिया गया उनमें दिल्ली के मोहम्मद मतलूब, जम्मू-कश्मीर के गुलाम हैदर मिर्जा, ओड़िशा के रूपम माथरू, पंजाब के गोपाल सैनी, राजस्थान के अर्जुन प्रजापति और बाबूलाल मरोटिया, पश्चिम बंगाल की तृप्ति मुखर्जी शामिल हैं.