भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में कार्रवाई को ‘राजनीति’ के रूप में पेश करना उचित नहीं है. भाजपा ने कांग्रेस नेताओं को चुनौती दी कि वे भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करते हुए मामलों के त्वरित और समयबद्ध निपटारे के लिए अदालत का सहारा लें. भाजपा ने गांधी परिवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा आरोप पत्र पेश करने के बाद विपक्षी पार्टी पर हमला किया है. उसने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर आरोप लगाया है कि वे जनता के धन का उपयोग ऐसे साप्ताहिक समाचार पत्रों में विज्ञापन देने के लिए कर रहे हैं, जिन्हें बहुत कम लोग पढ़ते हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी लगातार प्रयास करती है, लेकिन हर बार असफल होती है. उन्होंने आगे कहा, “जब भी हम नेशनल हेराल्ड का जिक्र करते हैं, तो यह कांग्रेस के पूरे तंत्र में हलचल पैदा कर देता है. यह स्वाभाविक है कि उन्हें हलचल महसूस होगी, क्योंकि वे एक बार फिर भ्रष्टाचार के मामले में रंगे हाथ पकड़े गए हैं. यदि आप कांग्रेस के इतिहास पर गौर करें, तो आजादी के बाद से कई घोटाले उजागर हुए हैं.”
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसने समाचार पत्र को अपने ‘एटीएम’ के रूप में उपयोग किया है. उन्होंने यह भी कहा कि गांधी परिवार ने बिना किसी व्यक्तिगत निवेश के नेशनल हेराल्ड की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति प्राप्त करने का प्रयास किया. ठाकुर के अनुसार, सोनिया और राहुल गांधी के पास ‘यंग इंडियन’ कंपनी की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसे कांग्रेस ने 50 लाख रुपये का ऋण प्रदान किया था.
कंपनी ने विपक्षी पार्टी को 90 करोड़ रुपये के बदले ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ का अधिग्रहण किया, जो कांग्रेस से जुड़े समाचार पत्रों की मालिक है. ठाकुर ने यह सवाल उठाया कि क्या कोई राजनीतिक पार्टी ऋण देने की स्थिति में होती है. भाजपा के नेता ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को राजनीतिक प्रेरणा से जोड़ने के आरोपों पर कांग्रेस नेताओं को चुनौती दी कि वे अपने खिलाफ चल रहे मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए अदालत का सहारा लें. उन्होंने कहा, “अगर उनमें साहस है, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए.”
ठाकुर ने टिप्पणी की कि “कांग्रेस के भ्रष्टाचार मॉडल” में अपराधी अधिक शोर करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले ने कांग्रेस के पूरे ढांचे को चौंका दिया है. ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के गठन से पहले ही निचली अदालत ने इस मामले का संज्ञान लिया था, और गांधी परिवार ने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई को रद्द कराने के लिए कई बार न्यायालयों का सहारा लिया. उन्होंने यह भी कहा कि अदालतों ने उन्हें जमानत के अलावा कोई अन्य राहत प्रदान नहीं की.
उन्होंने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका ने प्रवर्तन निदेशालय की जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है. ठाकुर ने अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश का उल्लेख करते हुए वहां की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने अपने 10 प्रमुख वादों में से कोई भी पूरा नहीं किया और नेशनल हेराल्ड में विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च किए. अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने नेशनल हेराल्ड के विज्ञापनों पर धनराशि खर्च की है. ईडी ने चार्जशीट में अपराध का प्रकार, समय और लेन-देन की सभी जानकारी प्रस्तुत की है. यह कांग्रेस का भ्रष्टाचार मॉडल है, और नेशनल हेराल्ड कांग्रेस का एटीएम बन गया है, जिसमें कांग्रेस की राज्य सरकारें पैसे डाल रही हैं. यह उनकी मुद्रा मोचन योजना है, जहां आंकड़े और किराया सब फर्जी हैं.
उन्होंने कहा कि यह खटारा, बीमार और लाचार कांग्रेस का एक उदाहरण है. यह सवाल उठता है कि किन-किन कांग्रेस राज्य सरकारों ने इसे विज्ञापन के लिए धन दिया और क्यों. यंग इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास आती है, अर्थात् यह एक ही परिवार के नियंत्रण में है. जबकि कांग्रेस ने धन प्रदान किया, शेयरधारक कांग्रेस के दो पूर्व अध्यक्ष बने हैं. वर्तमान में, पार्टी के ये दोनों नेता भ्रष्टाचार के मामलों में जमानत पर हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने टिप्पणी की कि काले कारनामों के बाद ईडी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया. उन्होंने कहा कि कालिख पोतने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि समस्या आईने पर नहीं, बल्कि चेहरे पर धूल है. क्या गांधी परिवार सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर हो गया है? जांच एजेंसियां चुनावों के आधार पर नहीं, बल्कि निरंतरता से कार्य करती हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि आरोपी समय पर एजेंसी को जवाब क्यों नहीं देते और कांग्रेस के नेता समयबद्ध जांच की मांग क्यों नहीं करते?
बीजेपी ने कहा है कि ईडी ने 5000 करोड़ रुपए के घोटाले में प्रमुख व्यक्तियों को शामिल किया है, जिनमें सोनिया और राहुल गांधी का नाम भी है. कांग्रेस का नेशनल हेराल्ड केवल एक और घोटाला नहीं है, बल्कि यह 1950 के दशक से चल रही एक पीढ़ीगत धोखाधड़ी का प्रतीक है. यह कांग्रेस के भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय विश्वासघात की अनकही कहानी को उजागर करता है. यह स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत का अपमान, पत्रकारों के साथ विश्वासघात और पूरे देश के साथ धोखाधड़ी का मामला है. नेशनल हेराल्ड गांधी परिवार के लिए जनता के धन को हड़पने का एक साधन मात्र था.
उन्होंने सवाल उठाया, “क्या हिमाचल में कोई कांग्रेस का नेता या सदस्य इस सामग्री को पढ़ता है?” उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि जनता को विभिन्न कांग्रेस सरकारों द्वारा समाचार पत्र में विज्ञापनों पर किए गए खर्च का ब्योरा प्रदान किया जाए. यह समाचार पत्र डिजिटल रूप से उपलब्ध है. कांग्रेस प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के खिलाफ देश के विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है.
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