परवेज आलम/बगहा। न्यायिक प्रक्रिया को सरल, सुलभ और त्वरित बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल के तहत 13 सितंबर (शनिवार) को बगहा व्यवहार न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष अदालत का मकसद अधिक से अधिक वादों का निपटारा आपसी समझौते के माध्यम से करना है। लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अनुमंडल विधिक सेवा समिति की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस आयोजन को लेकर एसपी सुशांत कुमार सरोज, एसडीएम गौरव कुमार, विधिज्ञ संघ अध्यक्ष द्विजेंद्र नाथ तिवारी और महासचिव उपाध्याय सुनील कुमार ने संयुक्त रूप से आम लोगों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस लोक अदालत में भाग लें और आपसी सहमति से विवादों का समाधान करें।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिली जानकारी
अनुमंडल विधिक सेवा समिति के सचिव एवं एसडीजेएम आलोक कुमार चतुर्वेदी ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि यह अदालत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पटना के निर्देश पर आयोजित हो रही है।
इस आयोजन की अध्यक्षता एडीजे-1 सह समिति अध्यक्ष रविरंजन करेंगे। कुल 9 न्यायिक पीठों का गठन किया गया है जिनमें वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इन न्यायिक पदाधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
- मानवेन्द्र मिश्र – जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ)
- कीर्ति प्रसाद – एसीजेएम (प्रथम)
- शंभु प्रसाद गुप्ता – एसीजेएम (द्वितीय)
- आलोक कुमार चतुर्वेदी – एसडीजेएम
- राजीव शंकर, अभिषेक कुमार सिंह, उदय कुमार, अनंत कुमार, तारीक शमीम – प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी
आपसी सुलह से मामलों का निष्पादन
इस लोक अदालत का उद्देश्य ऐसे मामलों का समाधान करना है, जो आपसी सहमति से निपटाए जा सकते हैं। इसमें जमीन विवाद, पारिवारिक विवाद, बकाया राशि, बिजली बिल, ट्रैफिक चालान, मोटर दुर्घटना मुआवजा जैसे सैकड़ों मामले शामिल हैं। इसका सीधा लाभ यह होगा कि कोर्ट में लंबित मामलों का बोझ कम होगा और समाज में आपसी सौहार्द बना रहेगा।
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