नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज विपक्षी नेताओं को नाश्ते पर बुलाया था. इस बैठक के बाद विपक्षी नेता साइकिल से ही संसद भवन के लिए रवाना हुए. शिवसेना, एनसीपी, आरजेडी और सीपीआई समेत कई नेताओं ने राहुल गांधी की बैठक में हिस्सा लिए और फिर एक साथ ही संसद के लिए निकले.

वहीं बैठक के दौरान राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं से एकजुट रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि यदि हम लोग विपक्ष के तौर पर एकजुट रहेंगे तो फिर आरएसएस और बीजेपी हम लोगों की आवाज को दबा नहीं सकेंगे. राहुल गांधी बोले कि विपक्षी पार्टियां आपस में बहस कर सकती हैं. पेट्रोल-डीज़ल के मसले पर हम सभी को आवाज़ उठानी चाहिए, हम यहां से संसद तक साइकिल मार्च कर सकते हैं.

विपक्ष की बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है, हमें सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़नी होगी. जैसे कोरोना पर चर्चा हुई है, वैसे ही पेगासस मसले पर चर्चा होनी चाहिए.

राहुल गांधी ने बोले कि ‘हमें इस ​आवाज (लोगों की आवाज) को एकजुट करना होगा, ये आवाज जितनी एकजुट होगी उतनी ही मजबूत होगी. और भाजपा और आरएसएस के लिए इस आवाज को दबाना उतना ही मुश्किल होगा.’ यह पहला मौका था, जब राहुल गांधी ने इस तरह से समूचे विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास किया. उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को कांस्टीट्यूशन क्लब में नाश्ते पर आमंत्रित किया.

इसमें महाराष्ट्र से शिवसेना और एनसीपी समेत देश भर की कई सियासी पार्टियों ने हिस्सा लिया. इनमें समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीपीआईएम, जेएमएम समेत कई अन्य दल शामिल रहे. वहीं दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी और मायावती की बीएसपी ने इस मीटिंग से दूरी बनाए रखी. इन दोनों दलों की ओर से मीटिंग में हिस्सा लेने या न लेने को लेकर कोई प्रतिक्रिया भी सामने नहीं आई है.

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