रायपुर। उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले छत्तीसगढ़ के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS- National Quality Assurance Standard) प्रमाण पत्र प्रदान किया है. केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की विशेषज्ञों की टीम ने इन अस्पतालों में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के वर्चुअल परीक्षण के बाद राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र के लिए चयन किया गया है. केंद्र सरकार ने अब तक प्रदेश के 28 सरकारी अस्पतालों को एनक्यूएएस प्रमाण-पत्र प्रदान किया जा चुका है. इनमें 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 7 जिला अस्पताल शामिल हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र हासिल करने वाले सभी अस्पतालों के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी है. उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे. मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला सहित संबंधित जिलों के मैदानी अधिकारियों को भी बधाई दी है. उन्होंने कहा कि राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं.

भारत सरकार के केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दुर्ग जिले के पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बिलासपुर के गांधी चौक स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, कोरबा जिले के मोरगा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, राजनांदगांव जिले के रामाटोला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और धमतरी जिले के चटौद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है.

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दस मानकों (ओपीडी, लेबोरेटरी, प्रसव कक्ष, आईपीडी, आपातकाल सेवा, रेडियोलॉजी, फार्मेसी व स्टोर, जनरल एडमिन, ऑपरेशन थियेटर एवं एनबीएसयू) और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में छह मानकों – ओपीडी, आई.पी.डी, लेबोरेट्री, प्रसव कक्ष, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और जनरल एडमिन व्यवस्था का मूल्यांकन किया जाता है. मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं.

विशेषज्ञों द्वारा मरीजों के लिए अस्पताल में उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रामाटोला, जिला राजनांदगांव को 94.53 प्रतिशत, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला बिलासपुर (गांधी चौक) को 91.78 प्रतिशत, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन, जिला दुर्ग 85.70 प्रतिशत, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चटौद, जिला धमतरी को 85.53 प्रतिशत और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोरगा, जिला कोरबा को 84.71 प्रतिशत अंक मिले हैं.

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