रायपुर. उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले छत्तीसगढ़ के छह सरकारी अस्पतालों को केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र दिया गया है, इनमें पांच शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक ग्रामीण अंचल का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है. साथ ही जगदलपुर जिला अस्पताल और लोरमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रसव कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर की उत्कृष्ट सुविधाओं और प्रसूताओं व गर्भवती महिलाओं की अच्छी देखभाल के लिए ‘लक्ष्य’ प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है.

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी है. उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे. उन्होंने इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य विभाग के संबंधित जिलों के मैदानी अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जशपुर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेलवा, फरसाबहार को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है. वहीं राज्य के पांच शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी इस प्रमाण पत्र से नवाजा है. इनमें रायपुर के तीन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंगोरा भाठा, उरला व भनपुरी, कोरबा के ढोढीपारा और दुर्ग जिले का चरोदा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ के अंतर्गत राज्य के अस्पतालों में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के नियमित प्रशिक्षण के बाद संस्था का आंतरिक तथा राज्य स्तरीय मूल्यांकन, सेवा प्रदाय ऑडिट तथा मरीज संतुष्टि सर्वे की प्रक्रिया की जाती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम द्वारा इस साल जनवरी-फरवरी में इन अस्पतालों का निरीक्षण कर वहां मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया था, उन्होंने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था. राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक” प्रमाण-पत्र और ‘लक्ष्य’ प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का कई मानकों पर परीक्षण किया जाता है. इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं.