रायपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में दो महीने के अंदर संरक्षित जनजाति पंडो के 28 से ज्यादा लोगों की हुई मौतों के मामले को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान में लिया है. लल्लूराम डॉट कॉम को लगी एक्सक्लूजिव जानकारी के मुताबिक आयोग की टीम जांच करने के लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह में छत्तीसगढ़ पहुंचेगी. आयोग की टीम जनजाति के लोगों की लगातार हो रही मौत की वजह की छानबीन करेगी. यह भी जानने का प्रयास करेगी कि राज्य में उन्हें कैसी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है. इन सभी लोगों की मौत मौसमी बीमारियों से हुई है.
मामला सूरजपुर जिले के ओड़गी विकासखंड का है यहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में पिछले दो महीने में 10 बच्चों समेत 28 से ज्यादा पंडो जनजाति के लोगों की मलेरिया, वायरल फीवर जैसी बीमारियों से मौत हो गई. ब्लॉक के ग्राम अवन्तिकापुर, असुरा बांक, पासल, सेमरा, पंडो पारा जैसे गांवों में इन जनजाति के लोग रहते हैं.
पंडो जनजाति विलुप्त होने की कगार पर है जिसकी वजह से इसे संरक्षित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है साथ ही इस संरक्षित जनजाति को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र का भी दर्जा प्राप्त है. इसके बावजूद इन इलाकों में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं कराई गई है. 1 स्वास्थ्य केन्द्र है भी तो वह भी कई किलोमीटर दूर लेकिन बताया जाता है कि वह भी बंद रहता है. स्वास्थ्य केन्द्र बंद रहने की वजह से जनजाति के लोगों को वहां समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है जिसकी वजह से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.
यह भी बताया जा रहा है इन इलाकों में लोगों के लगातार मौत होने के बाद भी स्वास्थ्य अमला बेसुध पड़ा है. अब तक इन गांवों में न तो कोई स्वास्थ्य शिविर ही लगाया गया और न ही स्वास्थ्य महकमें के किसी जिम्मेदार ने ही इनकी सुध ली.
दो महीनों में पंडो जनजाति के जिन लोगों की मौतें हुई हैं उनकी सूची-
- चम्पा/गोरेलाल 6 वर्ष ग्राम अवन्तिकापुर,मलेरिया के कारण
- सोनेलाल/हुबलाल 20 वर्ष ग्राम असूरा बांक, कारण अज्ञात
- राजमती/हुबलाल 17 वर्ष ग्राम असुरा बांक,कारण अज्ञात
- धनमंती/विजय 4 वर्ष ग्राम पासल,कारण मलेरिया
- अर्जुन/रामलाल 35 वर्ष ग्राम पासल,
- रैतुन/मानसाय 55वर्ष ग्राम पासल,
- रामकिशुन/मंगल 60 वर्ष ग्राम पासल,
- पारस/नन्दूराम 20 वर्ष ग्राम पण्डो पारा,मलेरिया
- कैरी/गेदा 50वर्ष बुखार
- तिरपति पिता राम सागर 5वर्ष
- बच्ची पिता शंकर दयाल 10वर्ष
- लुजई बाई पिता शंकर दयाल 8 वर्ष
- फुलमती पति छोटन 22वर्ष
- कुल कुवर पिता छोटन 3माह
- शर्मा राम /रेरूवा 50वर्ष
- रेरूवा/मनबोध 60 वर्ष
- धनसाय/केदार 55वर्ष
- लछमनीया/जसलाला 52वर्ष
- खरू/गुरूप्रसाद 45 वर्ष बैजनपाठ
- लोली/लट्टी 30 वर्ष बैजनपाठ ,
- उदसीया/तुलसी 45वर्ष
- तारा/रामजतन 6वर्ष
- जयकरन/सितासरन 4वर्ष
- रेखा कुवर/ राम सुरेश 22
- जितलाल /रनू 60वर्ष
- रामदा सिता बाई/बुलचू 65वर्ष
- शिव मंगल/रूपसाय 59वर्ष
- राम कली मोहर जित 10वर्ष