रायपुर। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में अरुणाचल प्रदेश के आदि जनजातीय दल द्वारा झूम खेती पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी. नेरो अमिंग माया पोनुंग नामक इस नृत्य को युवक और युवतियों द्वारा सामूहिक रूप प्रस्तुत किया जाता है. आदि समुदाय में पुरुष और स्त्रियों के वस्त्र उसी समुदाय की स्त्रियों द्वारा ही बुनकर तैयार किए जाते हैं. नृत्य प्रस्तुति के अवसर पर आदि युवक और युवती अपने पारंपरिक पोशाक पहनकर धीमी गति से किया जाने वाला सुंदर पारंपरिक आदि नृत्य करते हैं.
जनजाति -आदि, अरुणाचल प्रदेश की एक प्रमुख जनजाती है. इनका निवास दक्षिणी हिमालय क्षेत्र में सियांग, चांगलांग जिले और दिबांग घाटी है. आदि जनजाति की कुल जनसंख्या लगभग दो लाख 50 हजार है. यह जनजाति पर्वतीय क्षेत्रों में निवास करते हैं तथा इनके मध्य झूम खेती एक पुरानी परंपरागत कृषि पद्धति रही है. झूम खेती के लिए जंगल में जमीन को साफ कर, वहां पर स्थित वृक्षों और झाड़ियों को काटकर, उसे जलाकर राख को बिखेर कर फिर उस राख पर खेती की जाती है. राख में पोटाश रहता है जो पौधों के पोषण के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है. आदि समुदाय द्वारा मुख्यतः धान की खेती की जाती है.