हेमंत शर्मा, रायपुर। राजधानी में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य शुभारंभ हो चुका है. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघले ने की है. इस अवसर पर सीएम भूपेश बघेल समेत छग के सभी मंत्रियों के साथ तामम नेता कार्यक्रम में मौजूद हैं. इस अवसर पर भूपेश बघेल ने कहा कि अनेकता में एकता ही हमारी पहचान है. संस्कृति, परम्परा, धरोहर को बचाने और संवर्धित करने की भी जिम्मेदारी हमारी है.

इस अवसर पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि  25 राज्य, 3 केंद्र शासित प्रदेश और 6 देशों से आये कलाकरों का मैं स्वागत करता हूँ. देश मे 8 फीसदी आदिवासी भाई बहनों की तरफ से राहुल गांधी का मैं स्वागत करता हूँ. छत्तीसगढ़ में 32 फीसदी आदिवासी रहते हैं. जिनकी अपनी संस्कृति है, कलाएं है, इसी तरह देश और दुनिया में भी आदिवासी समुदाय के लोग अपनी संस्कृति को लेकर यहां आए हैं.

भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासी संस्कृति में घोटुल, देवगिरी, पहाड़, जंगल से जो आत्मीय लगाव रहा है उसे बीते 15 वर्षो में छिनने की कोशिश की गई थी. हमने ये भरोसा दिलाया है कि ये जल, जंगल और जमीन उनकी है. देश में एनआरसी और सीएए को लेकर आग लगी है लेकिन छत्तीसगढ़ में इसका कोई असर नहीं है. यहां हम संविधान पर विश्वास करने वाले लोग हैं. ये संतों की परंपरा को मानने वाले लोग हैं. हम सब एकजुट हैं. अनेकता में एकता ही छत्तीसगढ़ की ताकत है. देश और दुनिया मे हम बता सकेंगे कि छत्तीसगढ़ की सरकार हर वर्ग का ध्यान रखती है. संस्कृति के साथ राज्य की आर्थिक स्थिति को संवर्धित करती है. ये काम राहुल गांधी के मार्गदर्शन में लगातार चलता रहेगा

भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे मंत्रियों ने सभी राज्यों में जाकर मुख्यमंत्री और कलाकारों का आमंत्रित किया था. 1300 कलाकारों ने आने की सहमति दी थी लेकिन 1800 कलाकर आएं हैं.हमारे मन मे शंका थी कि आयोजन सफल होगा या नही? जैसे-जैसे आगे बढ़ते गए आयोजन को लेकर प्रेरणा मिलती रही. हमारे नेता राहुल गांधी हमेशा कहते थे कि हर वर्ग को लगना चाहिए कि सरकार उनकी है. मुझे ये बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि किसानों के साथ आदिवासियों का विश्वास जितने में सफल रहे.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि लोहंडीगुड़ा में जमीन की वापसी, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की शुरूआत यहां  हुई है. आज छत्तीसगढ़ में सर्वत्र शांति है. ये सरकार पीड़ितों के आंसू पोछने में सफल रही है.