रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 19 अप्रैल को राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का शुभारंभ करेंगे. राजधानी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में महोत्सव का शुभारंभ सुबह 10 बजे से होगा. यह आयोजन आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान छत्तीसगढ़ और भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है.
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता करेंगे. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में वाणिज्यिक कर मंत्री कवासी लखमा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया और संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव उपस्थित रहेंगे.
इस अवसर पर पद्श्री सम्मानित साहित्यकार, कलाकारों का सम्मान किया जाएगा. सांस्कृतिक कार्यक्रम में बस्तर बैण्ड का प्रदर्शन और जनजातीय नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी.
उद्घाटन सत्र के बाद साहित्य परिचर्चा के प्रथम सत्र में भारत में जनजातीय भाषा एवं साहित्य का विकास-वर्तमान एवं भविष्य, द्वितीय सत्र में भारत में जनजातीय विकास-मुद्दे, चुनौतियां एवं भविष्य विषय पर साहित्य परिचर्चा होगी.
शोधपत्र वाचन के प्रथम सत्र में जनजातीय साहित्यः भाषा, विज्ञान एवं अनुवाद, जनजातीय साहित्य में जनजातीय अस्मिता एवं जनजातीय साहित्य में जनजातीय जीवन का चित्रण, द्वितीय सत्र में जनजातीय समाजों में वाचिक परंपरा की प्रासंगिकता एवं जनजातीय साहित्य में अनेकता एवं चुनौतियां विषय पर शोधपत्र का वाचन होगा.
कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता अंतर्गत कैनवास पेंटिंग आयु वर्ग 18-30 और 30 से ऊपर, ड्राइंग सीट पर पेंटिंग आयु वर्ग 12-18 के लिए आयोजित की गई है. हस्त कला प्रदर्शन में बांस कला, छिंद कला, गोदना कला, रजवार कला, शीशल कला, माटी कला और काष्ट कला का प्रदर्शन किया जाएगा. संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत शाम 6 बजे से शहीद वीर नारायण सिंह पर नाट्य प्रस्तुति और शाम 7 बजे से जनजातीय नृत्य की प्रस्तुति होगी.