भुवनेश्वर। स्वामी विवेकानंद केवल एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि एक चिरंजीवी चेतना थे. उनका नाम एक अद्वितीय आदर्श और आध्यात्मिकता के माध्यम से जीवन दर्शन को समझने की पवित्र प्रेरणा है. राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने यह बात कही.

भुवनेश्वर के रामकृष्ण मिशन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद आज भी एक तेजस्वी, ओजस्वी और महान योद्धा संन्यासी के रूप में अमर हैं. उन्होंने भारत के युवाओं को अपनी अस्मिता पर गर्व करना सिखाया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का शिकागो धार्मिक सभा में दिया गया भाषण एक नया इतिहास रच गया. इस भाषण के माध्यम से भारत के धार्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण को वैश्विक पहचान मिली. उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे विवेकानंद के आदर्शों को अपनाकर अपने जीवन को नई दिशा दें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2036 तक एक समृद्ध ओडिशा का निर्माण करना हमारा लक्ष्य है, और इसमें युवाओं का योगदान सबसे महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे भारत और राज्य की आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित करें.

बालेश्वर के सांसद प्रताप षडंगी ने स्वामी विवेकानंद को भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया. उन्होंने कहा कि विवेकानंद ने भारत की आत्मा को जाग्रत किया. उनके तीन मिनट के भाषण ने उन्हें विश्वप्रसिद्ध बना दिया. भुवनेश्वर के विधायक बाबू सिंह ने कहा कि विवेकानंद भारतीय युवा समाज के प्रतीक हैं. उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों को अपनाकर भारत को विश्व मानचित्र पर सबसे श्रेष्ठ देश बनाने का संकल्प लें.

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