लखनऊ. यूपी सहित पंजाब-हरियाणा के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी को लेकर कानून बनाने और अपनी कई मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. सोमवार को किसानों की मांगों को लेकर चंडीगढ़ में आपात बैठक हुई. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के मन में खोट है. उसने जिद्दी रुख अपनाया हुआ है. अब हम दिल्ली कूच कर रहे हैं. किसानों के 2500 ट्रैक्टर दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. किसान आंदोलन को लेकर सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि एकता की आवाज लोहे की कीलें गला देगी.
किसान आंदोलन के चलते देश की राजधानी दिल्ली में धारा 144 लागू और दिल्ली के बॉर्डरों पर भी सुरक्षा तैनात है. वहीं किसानों के मार्च को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह का जिक्र कर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “किसानों के हितैषी चौधरी चरण सिंह जी और स्वामीनाथन जी का ये कैसा सम्मान है कि बीजेपी सरकार किसान-आंदोलन के लिए कीलें बिछा रही है, सच तो ये है कि बीजेपी सरकार अपनी कमी छिपा रही है. पूरी दुनिया बीजेपी की दमनकारी नीतियों को देख रही है. बीजेपी ने देश के लोकतंत्र की सड़क खोद दी है और स्वतंत्रता की राह में जो कंटीले तार बिछाए हैं उनसे पूरी दुनिया में देश की छवि तार-तार हो गई है. अब बीजेपी सरकार से त्रस्त होकर 140 करोड़ का देश एक साथ खड़ा हो रहा है, जो उन्हें ‘400 पार’ नहीं ‘400 पर हार’ देगा. एकता की आवाज़ लोहे की कीलें गला देगी.”
वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार पर किसानों के नाम पर छल प्रपंच की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ सम्मान देने वाली सरकार अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाने का ऐलान करने वाले किसानों को रोकने जैसा ‘लोकतंत्र विरोधी’ कदम उठा रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यहां एक बयान में आरोप लगाया, “बीजेपी सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में किसानों को सिर्फ धोखा ही दिया है. बीजेपी जोर जबरदस्ती से उनकी आवाज भी कुचलने का इरादा कर रही है.”
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बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते 200 से अधिक किसान संगठन 13 फरवरी को दिल्ली तक मार्च करेंगे. किसानों को रोकने के लिये हरियाणा और दिल्ली में कई स्थानों पर कंक्रीट के अवरोधक, सड़क पर बिछने वाले नुकीले अवरोधक और कंटीले तार लगाकर राज्य सीमाओं को किले में तब्दील कर दिया गया है.
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