नितिन नामदेव, रायपुर। भारतीय राष्ट्रीय महिला कांग्रेस ने 29 जुलाई को देशभर में एक विशाल आंदोलन का आह्वान किया है. महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर-मंतर में देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा. इस विरोध प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ की महिला नेता भी भाग लेंगी. इस आंदोलन के जरिए महिला कांग्रेस नेता केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट होंगी. जिसमें महिलाओं के लिए सामाजिक, आर्थिक न्याय, महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाओं को रोकना, राजनीतिक सशक्तिकरण, आर्थिक सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और सुरक्षा का अधिकार जैसी तीन महत्वपूर्ण मांगें केंद्र सरकार के समक्ष रखी जाएगी.
महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव प्रीति उपाध्याय ने बताया कि इस आंदोलन में छत्तीसगढ़ महिला कांग्रेस की सदस्य भी भाग लेंगी. जिसमें शामिल लेने के लिए प्रदेश महासचिव शिल्पी तिवारी बड़ी संख्या में महिला कांग्रेस नेताओं के साथ रविवार को दिल्ली के लिए रवाना हुईं.
आंदोलन की मुख्य मांगें
- राजनीतिक सशक्तिकरण : महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण और भागीदारी के तहत महिला आरक्षण क़ानून को तुरंत लागू किए जाना चाहिए, जिसमें अति पिछड़े वर्ग कि हमारी ओबीसी की बहनों को आरक्षण और भागीदारी को सुनिश्चित कराना है.
- आर्थिक सशक्तिकरण : आर्थिक सशक्तिकरण के तहत देश की आधी आबादी जो आज बढ़ती महंगाई और बेरोज़गारी से लड़ रही है, उसे राहत देने के लिए नारी न्याय के तहत केंद्र सरकार की महालक्ष्मी योजना के अनुसार हर गरीब परिवार की एक महिला को सालाना 1 लाख रुपया या हर महीने 8 हजार 500 रूपये की आर्थिक सहायता सीधा उनके बैंक खातों में दिये जाने की मांग की जायेगी.
- सामाजिक न्याय : महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों की घोर निंदा की गई है और ये मांग की गई है कि महिलाओं को सामाजिक तोर पर सुरक्षा प्रदान की जाये.
राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की प्रमुख अलका लाम्बा ने इस सम्बन्ध में राष्ट्रपति, लोकसभा राजयसभा, अध्यक्ष और सभी राज्य प्रमुखों को ज्ञापन सौंपा है और मांग की है कि हमारी मांगे पूरी की जाए.
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