रायपुर. बीएमएस को छोड़कर देश की सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, राज्य एवं केंद्र सरकार के कर्मचारी, बैंक, बीमा, रक्षा, बीएसएनएल कर्मचारी तथा संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के देशव्यापी आम हड़ताल पूरे प्रदेश में किया गया. हड़ताल के समर्थन में सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, बीमा कार्यालय बंद रहे. केन्द्र सरकार के कार्यालय डाक, आरएमएस, इनकम टेक्स व अन्य विभाग, राज्य सरकार के कार्यालय, कोयला, इस्पात, बालको, एनएमडीसी, राजहरा व हिर्री माइंस, इस्पात, ऊर्जा जैसे उद्योगों में भी हड़ताल हुई. अनेक स्थानों पर किसानों के गांव बंद और चक्काजाम, शैक्षणिक संस्थान में छात्र हड़ताल किए.

संगठनों ने बताया कि यह हड़ताल मंहगाई पर रोक लगाने बेरोजगारों को रोजगार देने सभी धर्मिकों को सामाजिक सुरक्षा देने, 21000 रुपये न्यूनतम वेतन देने, नए पेंशन योजना रद्द कर सभी को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने, सामान काम समान वेतन लागू करने, बैंक, बीमा, रक्षा, रेलवे, खुदरा क्षेत्रों में एफडीआई का निर्णय वापस लेने, श्रम कानूनों में बदलाव रद्द कर श्रम कानूनों का अमल करने, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाने बीएसएनएल को बेचने के कदम पर रोक लगाने बैंकों का करोड़ों रुपये का बकाया वसूल करने, नया मोटर व्हीकल कानून रद्द करने, किसानों को फसल का उचित दाम देने और कर्जा माफ करने, जनता के धन को कॉर्पोरेट को लुटाने के बजाय आम जनता को राहत देने में खर्च करने तथा आम जनता को सांप्रदायिक आधार पर बांटने के लिए लाए जा रहे सीएए, एनपीआर, एनआरसी जैसे क़दमों को वापस लेने की मांग को लेकर की गई.

प्रदेश के सभी स्थानों में हड़ताल के बाद संयुक्त रैली निकाली गई व सभाएं की गई जिसमें हजारों लोग शरीक हुए. रायपुर में सप्रे स्कूल मैदान में हड़ताली मजदूरों की विशाल सभा की गई. इस सभा को सीटू के बी सान्याल, एम के नंदी, सी जेड आई ए के धर्मराज महापात्र, इंटक के संजय सिंह, राज्य कर्मचारी नेता नरेंद्र चंद्राकर, राकेश साहू, बैंक कर्मचारी नेता शिरीष नलगोडवार, डी के सरकार, वी एस एन एल के एस सी भट्टाचार्य, छात्र नेता राजेश अवस्थी, प्रदीप गभने, अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के कमल वर्मा, पेंशनर संघ के सी एल साहू सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया.

सभी नेताओं ने कहा कि ने देश की गिरती अर्थव्यवस्था व उससे जनता की घटती क्रय शक्ति और उपभोग की कमी के कारण करोड़ों लोगों की नौकरियां जा रही है, उद्योग उत्पादन घटाकर लोगों को सेवा से बाहर कर रहे हैं, अब तक 50 लाख से 2 करोड़ की नौकरी समाप्त हो गई, बीएसएनएल को अपने दोस्त के हाथ नीलम करने 75 हजार कर्मियों को 31जनवरी को वीआर के जरिए बाहर किया जा रहा है, रेलवे में तेजस सहित ट्रेन परिचालन को निजी हाथों में सपा जा रहा है, यह सरकार दरबारी पूंजीवाद की पराकाष्ठा पर पहुंच कर जनता की संपत्ति को अपने दोस्तो के हाथ सौपने का कुचक्र चला रही है.

भारी विरोध के बावजूद श्रम कानून में मलिकपरस्त परिवर्तन कर निश्चित अवधि रोजगार याने हायर, फायर की नीति के जरिए मजदूरों को गुलामी के रास्ते पर धकेल रही है. सरकार के नीतियों कारण व्यापार भी चौपट है और जब सरकार की नीतियों के खिलाफ जनता एकजुट होती है तो उन्हें बाटने सांप्रदायिक मुहिम तो कभी देशद्रोही का तमगा लगा दिया जाता है तो कभी गुंडों के जरिए जेएनयू हो जामिया दमन का निशाना बनाया जाता है, लेकिन देश की मेहनतकश एवं अब इसे स्वीकार करने तैयार नहींं है.

वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार अपनी मजदूर व जन विरोधी नीतियों से अगर आज की इस हड़ताल जिसमें 25 करोड़ से अधिक लोगों ने भागीदारी की से नहीं चेत्ती तो आगामी दिनों में उसे इससे भी बड़े संघर्ष से जवाब दिया जाएगा. सभा के बाद प्रधानमंत्री के नाम इन मांगों का ज्ञापन सौंपा गया.

इंटुक के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह, एटक के प्रदेश महासचिव हरिनाथसिंह, सीटू के राज्य अध्यक्ष बी सान्याल और महासचिव एम के नंदी, ऐक्टू के राज्य महासचिव बृजेन्द्र तिवारी, सीजेडआईईयु के महासचिव धर्मराज महापात्र एच एम एस के कार्यकारी अध्यक्ष एच एस मिश्र छ ग राज्य तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश साहू केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति के दिनेश पटेल, माणिक राम पुराम , आशुतोष सिंह, राजेन्द्र सिंह, सियाराम, बैंक कर्मियों के नेता शिरीष नलगुणवार , डी के सरकार बीएसएनएल के सी एल भट्ट, आरडीआईएयू के वी एस बघेल ,अलेक्जेंडर तिर्की अतुल देशमुख ,एस सी भट्टाचार्य ने एक संयुक्त विज्ञप्ति में उक्त जानकारी देते हुए इस अभूतपूर्व हड़ताल के लिए प्रदेश के मजदूर वर्ग, किसानों, छात्रों व आम जनता को धन्यवाद दिया है.