नई दिल्ली। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन ने प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल किया है. जिससे सोमवार और मंगलवार को बैंक बंद रहेगी. हड़ताल के कारण जमा और निकासी, चेक क्लीयरेंस और ऋण स्वीकृति जैसी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन का दावा है कि बैंकों के लगभग 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में हिस्सा लेंगे. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित कई सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि यदि हड़ताल होती है, तो उनका सामान्य कामकाज शाखाओं और कार्यालयों में प्रभावित हो सकता है.

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बैंकों ने यह भी बताया कि वे बैंक शाखाओं और कार्यालयों के सुचारु संचालन के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं. पिछले महीने पेश किए गए केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एलान किया है कि इसी साल दो सरकारी बैंकों और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण किया जाएगा. लेकिन सरकार ने यह नहीं बताया है कि वो कौन से बैंकों में अपनी पूरी हिस्सेदारी या कुछ हिस्सा बेचने वाली है. इससे पहले आईडीबीआई बैंक को बेचने का काम चल रहा है.

वहीं राहत की बात है कि हड़ताल के दौरान प्राइवेट बैंकों में कामकाज जारी रहेगा.

यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), नेशनल कंफेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक इम्प्लॉइज कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईसीआई) आदि शामिल हैं इंडियन नेशनल बैंक आफीसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), . इंडियन नेशल बैंक एम्पलाईज फेडरेशन (आईएनबीईएफ), नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशन आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफीसर्स (एनओबीओ) भी हड़ताल की अपील में शामिल हैं.