कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। देश में जल्द ही प्राकृतिक खेती की पढ़ाई शुरू होने वाली है। ग्वालियर में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा बयान दिया है। तोमर ने कहा कि देश के कृषि विश्विद्यालयों में प्राकृतिक खेती कोर्स शामिल किया जा रहा है। जिसके तहत कृषि छात्रों को प्राकृतिक खेती की पद्धति पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाएगी। ग्वालियर के राजमाता विजयराजे सिंधिया विश्वविद्यालय में प्राकृतिक खेती पर एक कार्यशाला हुई, जिसमें देशभर के 425 कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक पहुंचे। कार्यशाला में प्राकृतिक खेती तकनीक को जन जन तक पहुंचाने पर मंथन हुआ।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार जल्द ही देश के एग्रीकल्चर के पाठ्यक्रम में प्राकृतिक खेती की शुरुआत करेगी। तोमर के मुताबिक प्राकृतिक खेती कोर्स के लिए कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद भारत सरकार जल्द ही प्राकृतिक खेती को पढ़ाने की शुरुआत करने जा रही है। अन्य प्रदेशों की तरह अब मध्य प्रदेश में शुरूआती दौर में पांच हजार किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए आगे लाया जा रहा है।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर

उनका यह भी कहना है कि प्राकृतिक खेती पर प्रधानमंत्री का बल काफी ज्यादा है वर्तमान परिस्थितियों में समय की जरूरत है कि लोग प्राकृतिक खेती पर जाएं, क्योंकि केमिकल फर्टिलाइजर हम इंपोर्ट पर निर्भर करते हैं। दूसरा पैसा भी ज्यादा लगता है, तीसरा हमारी मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी कम होती है। चौथा जो उत्पादन होता है वह मानव शरीर को प्रभावित करता है। अभी तक हमारी नीतियां उत्पादन केंद्रित थी।आज हम खाद्यान्न और उत्पादन की दृष्टि से बेहतर स्थिति में आ गए हैं। अब जरूरत इस बात की है की उत्पादन भी स्वच्छ हो, माटी भी स्वस्थ हो और देश के नौजवान भी स्वस्थ रहे और दुनिया को भी जो हम दे सके वह अच्छी गुणवत्ता का खाद्यान्न और कृषि उत्पाद हो। इसलिए प्राकृतिक खेती के लिए मिशन बनाया गया है।

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