सुधीर दंडोतिया, भोपाल। इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र कुछ अलग होगा। क्योंकि कांग्रेस अपने विधायकों को इस बार विधानसभा में सरकार से मुकाबले के लिए अलग तरीके से तैयार कर रही है। इसके लिए एक विशेष शिविर का आयोजन किया जा रहा है, ताकि वे हर मुद्दे पर और ज्यादा मजबूती से सरकार की घेराबंदी कर सकें। धार जिले के मांडू में दो दिन (21 और 22 जुलाई) को राजनीति के जानकार और पार्टी के वरिष्ठ नेता विधायकों के साथ चिंतन करेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे। इस शिविर को ‘नव संकल्प शिविर’ नाम दिया गया है। इस शिविर को वर्चुअली राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी संबोधित कर विधायकों को पार्टी की विचारधारा से अवगत कराएंगे।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बताया कि दो दिन के शिविर में कुल 12 सत्र होंगे, जिनमें अलग-अलग विषय विशेषज्ञ विधायकों को उद्बोधन देंगे। कांग्रेस के विधायकों को कांग्रेस पार्टी के इतिहास, विचारधारा के अलावा आजादी के आंदोलन में पार्टी के योगदान से भी अवगत कराया जाएगा। विधायकों को आजादी के बाद की चुनौतियों से कांग्रेस किस तरह से जूझी, इस बात की भी जानकारी दी जाएगी। इसका मकसद यह है कि कांग्रेस के विधायकों को इस बात का गर्व होना चाहिए कि उनकी पार्टी का इतिहास आजादी से पहले का है और आजादी के बाद देश के निर्माण में भी कांग्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

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संगठन की दी जाएगी जानकारी

शिविर के दौरान विधायकों को इस बात की भी जानकारी दी जाएगी कि संगठन की स्थिति क्या है और भविष्य में पार्टी संगठन का किस तरह से विस्तार किया जाना है। विधायकों को यह भी बताया जाएगा कि फिलहाल पार्टी के सामने क्या और कैसी राजनीतिक चुनौतियां हैं और कांग्रेस के विधायकों के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की भूमिका क्या होना चाहिए। साथ ही राहुल गांधी के सामाजिक न्याय और जातिगत जनगणना अभियान और उसकी राजनीतिक और सामाजिक जरूरत से भी विधायकों को अवगत कराया जाएगा। बताया जाएगा कि सामाजिक न्याय की अवधारणा पर राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को लेकर जो अभियान चलाया, उस पर केंद्र सरकार को किस तरह झुकना पड़ा। जातिगत जनगणना अभियान की विस्तृत जानकारी देने की जरूरत इसलिए भी महसूस की गई कि सत्ताधारी भाजपा इसे अपना निर्णय बताकर कांग्रेस की मांग के आगे झुकने से बचना चाह रही है।

मिशन 2028 पर फोकस

इस शिविर में भाग लेने वाला हर विधायक चुनाव जीतकर आया है। फिर भी उन्हें 2028 के मिशन के तहत चुनाव प्रबंधन की जानकारी भी दी जाएगी। हर राजनीतिक पार्टी के लिए मीडिया का मूड महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अब सोशल मीडिया की चुनाव में अहम भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। इस सत्र में विधायकों को बताया जाएगा कि सोशल मीडिया की छोटी-छोटी जानकारियां को किस तरह हथियार बनाकर प्रतिद्वंदी के साथ मुकाबला किया जा सकता है। शिविर में प्रदेश की भाजपा सरकार की विफल नीतियों और घपलों-घोटालों को जनता के सामने लाने और विधानसभा में उसे हथियार बनाकर सरकार को घेरने पर भी मंथन होगा।

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ये दिग्गज करेंगे संबोधित

कांग्रेस विधायकों के इस प्रशिक्षण सत्र को प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के अलावा प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, प्रेरक वक्ता सोनू शर्मा, पूर्व प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधानसभा भगवंदेव इसरानी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, अध्यक्ष AICC मीडिया विभाग पवन खेड़ा, राज्यसभा सांसद अजय माकन, अध्यक्ष कांग्रेस सोशल मीडिया सुप्रिया श्रीनेत, पार्टी के प्रशिक्षण प्रभारी महेंद्र जोशी के अलावा कई विषय विशेषज्ञ संबोधित करेंगे। इस बार कांग्रेस विधानसभा सत्र में प्रदेश में लगातार बढ़ रहे आपराधिक मामलों के सामने सरकार की कमजोरी, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के झूठ और बढ़ते भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाकर सरकार को घेरेगी।

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