रायपुर. कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धु ने आज बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आने की कहानी तफसील से सुनाई. प्रेस कांफ्रेंस में सिद्धु ने बीजेपी को कैकयी और कांग्रेस को कौशल्या बताते हुए कहा कि बीजेपी लगातार उनकी उपेक्षा कर रही थी. उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी ने उनसे अमृतसर सीट से दूर किया फिर उन्हें पंजाब से दूर करना चाहती थी.
सिद्धु ने कहा कि वे उस वक्त अमृतसर से चुनाव जीते जब उत्तर भारत से कोई भाजपा का उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाता था. उन्होंने कहा कि 2014 के लहर में गधे भी चुनाव जीत गए लेकिन वित्तमंत्री अरुण जेटली डेढ़ लाख वोट से हार गए. पार्टी उन्हें कुरुक्षेत्र भेजना चाहती थी लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया. सिद्धु ने कहा कि उसी सीट से वो इसके बाद विधानसभा का चुनाव लड़े और 46 हज़ार वोटों से जीत गए. उन्होंने कहा कि इस बार में उनसे राजनाथ सिंह, अमित शाह और अरुण जेटली ने बात की थी. सिद्धु ने भावुक होकर कहा कि स्मृति ईरानी कितने बार जीती हैं. लेकिन चुनाव के बाद वो मंत्री बन गईं.
उन्होंने कहा कि जब उनसे चुनाव में अकाली दल का प्रचार करने को कहा गया तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि चोर, डाकुओं और तस्करों की कैंपेन वे नहीं करेंगे. उन्होंने अकाली दल के नेताओं पर चिट्ठा और हेरोईन बेचने का आरोप लगाया.
सिद्धु ने बताया कि इसके बाद उन्हें राज्यसभा सीट दी गई लेकिन कुछ दिन बाद पंजाब को छोड़कर किसी अन्य जगह से राजनीति करने को कहा गया. जिसके बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. सिद्धु ने कहा कि उन्होंने डाकुओं, तस्करों और बनारसी ठगों को चुना. मैंने पंजाब को चुना. उन्होंने कहा कि उनके पिता कांग्रेस के लंबे समय तक नेता और जनप्रतिनिधि रहे. उन्होने कहा कि वे कैकयी को छोड़कर कौशल्या के पास आ गए.