नवरात्रि की नवमी तिथि को मां दुर्गा के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है. देवी पुराण के मुताबिक सिद्धिदात्री की उपासना करने के बाद ही शिव जी ने सिद्धियों की प्राप्ति की थी. माना जाता है कि देवी सिद्धिदात्री की आराधना करने से लौकिक और परलौकिक शक्तियों की प्राप्ति होती है.
मां सिद्धिदात्रि का स्वरुप
हिन्दू धर्म के पुराणों में बताया गया है कि देवी सिद्धिदात्री के चार हाथ है जिनमें वह शंख, गदा, कमल का फूल तथा चक्र धारण करे रहती हैं. यह कमल पर विराजमान रहती हैं. इनके गले में सफेद फूलों की माला और माथे पर तेज रहता है. इनका वाहन सिंह है. देवीपुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में देवी की शक्तियों और महिमाओं का बखान किया गया है. Read More – Honeymoon Couple के लिए इंडिया में ये है Best Destination, पार्टनर के साथ जरूर करें एक्सप्लोर …
देवी सिद्धिदात्री का पूजन
- देवी दुर्गा या मां सिद्धिदात्री को लाल वस्त्र पर पूर्व दिशा की तरफ स्थापित करें.
- मां सिद्धिदात्री के सामने घी का दीपक जलाएं.
- कमल या लाल गुलाब के 9 फूल अर्पण करें.
- मां को भोग लगाने के लिए 9 तरीके का प्रसाद भी रखें.
- एक लाल या पीले आसन पर बैठकर ॐ सिद्धिदात्रये नमः मंत्र का 108 बार पाठ करें.
- जाप के बाद अपने मनोवांछित कार्य को बोलते हुए मां को अर्पण किए गए 9 फूल लाल वस्त्र में लपेटकर रखें.
- मां सिद्धिदात्री की कृपा से आपके हर कार्य में सफलता निश्चित है.
देवी का पूजन करते समय इन बातों का रखें ध्यान
- देवी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना में काले नीले रंग के वस्त्र का प्रयोग ना करें.
- पूजा पाठ के दौरान मन में दूषित विचार ना आने दें.
देवी सिद्धिदात्री की विशेष पूजा दिलाएगी रुका हुआ धन
- देवी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना से सर्व कार्य सिद्ध किए जा सकते हैं. इसके अलावा सातों चक्रों के साथ-साथ नवग्रहों भी को नियंत्रित किया जा सकता है.
- देवी सिद्धिदात्री के सामने गाय के घी का दीया जलाएं और उन्हें शुद्ध सिंदूर अर्पण करें.
- एक लाल आसन पर बैठकर निम्न मंत्र का जाप करें. Read More – Honeymoon Couple के लिए इंडिया में ये है Best Destination, पार्टनर के साथ जरूर करें एक्सप्लोर …
देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः
- जाप के बाद देवी सिद्धिदात्री को अर्पण किए गए सिंदूर का तिलक करें. जब भी बाहर जाएं तिलक करके ही जाएं.
रात्रि का महाउपाय देगा अज्ञात भय से मुक्ति
- नवरात्रि के नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री के समक्ष नवग्रह समिधा से हवन करने से नवरात्रि का पूर्ण फल मिलता है.
- देवी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करने से शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.
- एक पान के पत्ते पर 9 साबुत फूलदार लौंग के साथ देसी कपूर पर रखें और 9 लाल गुलाब के फूलों के साथ देवी को अर्पण करके अपने अज्ञात भय को खत्म करने की प्रार्थना करें.
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे मंत्र का 108 बार लाल आसन पर बैठकर जाप करें.
- जाप के बाद लौंग को सिर से उल्टा 7 बार वारकर देसी कपूर में जलाएं.
- ऐसा करने से आपका अज्ञात भय दूर होगा और देवी सिद्धिदात्री की कृपा मिलेगी.
मां सिद्धिदात्री की मिलेगी विशेष कृपा
- नवमी के दिन माता को कमल का फूल अर्पित करें.
- इससे माता की विशेष कृपा प्राप्त होगी.
मां सिद्धिदात्री को लगाएं उनका पसंदीदा भोग
नवमी तिथि पर मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं जैसे- हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें. इससे जीवन में हर सुख-शांति मिलती है.
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