Navratri Havan Importance: नौ देवियों से जुड़े यज्ञ मुख्य रूप से नवरात्रि में किए जाते हैं, जो मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना का पर्व है. नवरात्रि का यह नौ दिन का पर्व शक्ति साधना का प्रमुख समय होता है, जिसमें हवन का बड़ा महत्व होता है.
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नवरात्रि में यज्ञ का महत्व (Navratri Havan Importance)
नवरात्रि में हवन या यज्ञ को खास महत्व दिया जाता है क्योंकि यह अग्नि माध्यम से देवी-देवताओं तक भोग और आहुति पहुंचाने का तरीका होता है. विशेषकर अष्टमी या नवमी तिथि पर किया जाने वाला हवन घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है. यह यज्ञ नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, साथ ही यह देवियों से मनोकामनाएं पूर्ण करने में सहायता करता है. नवरात्रि में किए जाने वाले यज्ञों में मंत्रों का जाप और घी की आहुति देवी को प्रसन्न करती है जिससे भक्तों को शक्ति, आशीर्वाद और सिद्धि मिलती है.
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नौ देवियों के यज्ञ विधि (Navratri Havan Importance)
आमतौर पर यह यज्ञ नौ दिनों तक किया जाता है जिसमें गृहस्थ और साधक दोनों ही भाग लेते हैं.
हवन के लिए आवश्यक सामग्री जैसे घी, अक्षत, हवन सामग्री, देवताओं के मंत्र और यज्ञ कुंड की व्यवस्था होती है.
प्रमुख यज्ञ तिथि और सामग्री (Navratri Havan Importance)
नवरात्रि के अष्टमी और नवमी को विशेष रूप से हवन का विधान है, जो कन्या पूजन के साथ किया जाता है. हवन सामग्री में घी, लकड़ी के टुकड़े, अक्षत, गुड़, कपूर, हवन सामग्री तथा वैदिक मंत्रों का प्रयोग होता है. हवन की अग्नि देवी माँ दुर्गा के पवित्र होने का प्रतीक होती है, जिससे घर और मन की अशुद्धि दूर होती है.
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