बिलासपुर। मुखबिर होने के शक पर नक्सलियों द्वारा पति की हत्या करने के बाद कवर्धा जिले के ग्राम बोलदा निवासी केकती शर्मा कवर्धा में दो बेटों के साथ किराए के घर में रहने को मजबूर थी. पति के गुजर जाने के बाद आर्थिक संकट से जूझ रही केकती शर्मा को हाईकोर्ट से राहत मिली है. हाईकोर्ट ने आईजी व कलेक्टर से मामले में राज्य शासन के पुनर्वास नीति के अनुसार दिए गए समय में उचित कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया है.

ग्राम बोलदा जिला कवर्धा निवासी केकती बाई शर्मा के पति हेमप्रसाद शर्मा को 25 अगस्त 2018 को नक्सलियों ने पुलिस का मुखबीर होने के शक में मार डाला था. घटना के बाद उनका परिवार घर जमीन, व्यवसाय सब कुछ छोड़कर के ग्राम बोलदा से पलायन कर कवर्धा में किराये से रह रहा है. दो पुत्रों के साथ गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रही केकती ने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ परिवार के एक सदस्य को जीवनयापन के लिए नौकरी देने आवेदन पत्र सौंपा था.

आवेदनों पर नियम के अनुसार उचित कार्रवाई नहीं होने पर केकती शर्मा ने 14 अक्टूबर 2020 को अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी. मामले की 24 नवंबर को सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आईजी और कलेक्टर को इस मामले में राज्य शासन के नीति आदेश के अनुसार दिये गये समय में उचित कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया है. इस पर आवेदिका ने आईजी दुर्ग के समक्ष अपने 12वीं पास छोटे पुत्र को पद की उपलब्धता के अनुसार तृतीय अथवा चतुर्थ श्रेणी की किसी भी पद में स्थाई शासकीय नौकरी प्रदान देने आवेदन किया. मामले में आईजी ने तत्काल संज्ञान लेकर एसपी कबीरधाम को आवश्यक निर्देश दिए हैं.