सुशील सलाम, कांकेर. लोकसभा के लिए हो रहे दूसरे चरण के मतदान में कहीं सुविधाओं की कमी की वजह से ग्रामीण चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं, तो कहीं बेहतर भविष्य की आशा में उत्साह के साथ लोकतंत्र के त्योहार में भागीदार बन रहे हैं.

कांकेर लोकसभा क्षेत्र के गांव बड़ेदेवड़ा के ग्रामीणों ने बिजली, पानी, सड़क और शिक्षा की समस्या को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया. सूचना मिलने पर पहुंचे अधिकारियों के मान-मनौव्वल के बाद ग्रामीण मतदान के लिए राजी हुए. लेकिन नक्सली क्षेत्र में सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ था, लेकिन केंद्र में दोपहर एक बजे तक पहुंचे और मतदान किया. सड़क, बिजली, पानी और शिक्षा की समस्या केवल बड़ेदेवड़ा की ही नहीं है. नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों का हाल जानने लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची. टीम ने पाया कि यह अन्य गांवों की भी गंभीर समस्या है.

आमाबेड़ा क्षेत्र में भी इन्हीं समस्याओं के ग्रामीण दो-चार हो रहे हैं. ऐसे में आदिवासी जीवन यापन के लिए जंगल के संसाधनों पर निर्भर हैं. जनप्रतिनिधियों का क्षेत्र में दौरा नहीं होता, लिहाजा ग्रामीण समस्या बताने कहां जाएं. इन सबके बावजूद मतदान केंद्र दूर होने के बाद भी ग्रामीण उत्साह के साथ मतदान देने के बाद रोजमर्रा के कामों में जुट गए.