रायपुर. बीजापुर में शनिवार को नक्सली हमले में पांच जवानों के शहीद होने पर कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार जवानों की वीरता का श्रेय तो लेती है, लेकिन उनपर बढ़ते हमले, बढ़ती शहीदों की संख्या पर जिम्मेदारी और जवाबदेही से मुंह मोड़ लेती है. छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के पीछे भाजपा सरकार की फड़ में कटौती सबसे बड़ी वजह हैं.
प्रदेश में बढ़ गया माओवाद का विस्तार
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया पेनालिस्ट जयवीर शेरगिल ने रविवार को रायपुर प्रवास के दौरान कांग्रेस भवन में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि भाजपा सरकार केवल जवानों का इस्तेमाल करती है. इनकी सुरक्षा और इनके परिवारों की खुशहाली का कोई ख्याल नहीं है. राज्य में रमन सिंह की 15 साल और केंद्र में मोदी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में नक्सलवादियों के हौसले बुलंद हुए हैं. माओवाद का विस्तार हुआ है. दक्षिण बस्तर के तीन सीमावर्ती इलाकों तक सीमित माओवाद ने बढ़ते-बढ़ते 14-15 जिलों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है.
सरकार ने पूरा नहीं किया अपना वादा
पिछले 2 सालों में नोटबंदी के बाद भी 23 बड़े नक्सली हमलों में 97 जवान शहीद और 121 मासूम लोगों की जान गई है. पिछले साल सुकमा में हुआ नक्सली हमला पिछले 7 सालों का सबसे बड़ा हमला था, जिसमें 26 जवान शहीद हुए. इस वर्ष 9 जवान सुकमा और 5 जवान बीजापुर में शहीद हुए है. केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की रमन सिंह सरकार ने इस हमले से सबक लेते हुए सुरक्षा इंतजामों में आपसी सहयोग और आपसी सामंजस्य बढ़ाने के बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन हमले बदस्तूर जारी हैं.
नक्सलवाद को खत्म करने खोखली नीयत
शेरगिल ने कहा कि सत्य तो यह है रमन सिंह का ध्यान केवल वोट सुरक्षा पर है, छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा पर नहीं. रमन सिंह सरकार की नक्सलवाद को खत्म करने की खोखली नीयत स्वर्गीय केपीएस गिल का बयान से जगजाहिर हुई, जहाँ उन्होंने कहा कि उन्हें anti naxal strategy विभाग का अध्यक्ष बनाने के बाद भी रमन सिंह सरकार ने उनको नक्सलवाद के खिलाफ कार्यवाही करने से रोक दिया और केवल तनखा लेने और सरकारी सुविधाओं का आनंद उठाने की सलाह दी थी.