रायपुर. पुलिस में शहीदों के परिजनों की हर समस्याओं का निराकरण किया जाएगा. राज्य शासन हर समय शहीदों के परिजनों के साथ है. यह बात पुलिस स्मृति दिवस की 59वीं वर्षगांठ पर माना स्थित चौथी वाहिनी परिसर में आयोजित कायर्क्रम में राज्य शासन के मुख्य सचिव अजय सिंह ने कही.
अजय सिंह ने कहा कि कर्तव्य-परायणता, त्याग और बलिदान की गौरवगाथा के रूप में याद की जा रही है. राज्य के नौजवान पुलिसबल में केवल आजीविका के लिए नहीं आते बल्कि अपनी माटी का कर्ज चुकाने के पावन जज्बे के साथ आते हैं. पुलिस विरादरी के लिए यह दिन गर्व का प्रतीक है. पुलिस सेवा के लोग जब अपनी जान जोखिम डालकर अपने कर्तव्य का निवर्हन करते हैं तभी हम अपने घरों में सुरक्षित रह पाते हैं.
पुलिस का मनोबल बनाए रखना आवश्यक
अजय सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों और जवानों ने नक्सली गतिविधियों का मुकाबला किया है और शाहदत दी है. ऐसे स्थित में पुलिसबल का मनोबल मनाये रखना अत्यंत आवश्यक है और यह कार्य हम सब सहयोग के बिना संभव नहीं. शहीदों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हुए हमे उनके योगदान से नई पीढ़ी को भी अवगत कराना चाहिए.
मानवता व प्रजातांत्रिक मूल्यों के खिलाफ माओवादी
पुलिस महानिदेशक एएन उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश की नक्सल गतिविधियां हो अथवा अपराध की रोकथाम तथा अपराधियों को पकडऩे का कार्य हो राज्य की पुलिस उसमें सदैव तत्पर रहती है. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद देश के अनेक भागों में फैला हुआ है जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य का बहुत बड़ा भाग भी प्रभावित है. माओवादी मानवता एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों के विरूद्ध सक्रिय है. हमारे जवान हमेशा विकट प्रस्थितियों में रहकर इस चुनौती का निडरता, साहस एव धैर्य के साथ सामना कर रहे हैं.
115 नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया
राज्य में एक सितम्बर 2017 से 31 अगस्त 2018 तक पुलिस जवानों ने नक्सली मुठभेड़ में 115 नक्सलियों को मार गिराया है. इन्हीं चुनौतियों का सामना करते हुए छत्तीसगढ़ में 25 जवानों ने वीरगति प्राप्त की है। इसी अवधि में देश में कुल 414 जवानों की शहादत हुई है. पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस महानिदेशक ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उन्होंने शहीदों के परिजनों को विश्वास दिलाया कि छत्तीसगढ़ पुलिस सदैव उनके साथ है.
आला-अधिकारियों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव (गृह) अमिताभ जैन, महानिदेशक जेल एवं होमगार्ड गिरधारी नायक, विशेष पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी और आरके विज, महानिदेशक संजय पिल्ले, महानिदेशक आर्थिक अपराध ब्यूरो मुकेश गुप्ता, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम, अशोक जुनेजा, पवन देव, रायपुर रेंज के पुलिस महानिदेशक दीपांशु काबरा, पुलिस अधीक्षक अमरेश मिश्रा सहित समस्त पुलिस अधिकारी तथा शहीदों के परिजन उपस्थित थे.