पंकज सिंह भदौरिया, दन्तेवाड़ा। नक्सलियों के नाम पर जेल बंद कैदियों की रिहाई मुद्दे पर आदिवासी फिर से लामबंद होते पालनार में नजर आ रहे हैं. पालनार में सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी के साथ बेला भाटिया भी पहुँची हुई थी, जहाँ आदिवासियों को एकत्र कर आंदोलन की रूपरेखा को लेकर रायशुमारी ली गई.

शनिवार को प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी को पुलिस ने शांति भंग के आरोप में धारा 151 के तहत पालनार से अरेस्ट किया था, जिसके बाद आंदोलन में जमा आदिवासी तितर-बितर होते दिखे थे, मगर इतने हंगामे के बाद भी आदिवासी ग्रामीण रविवार सुबह पालनार गांव में बाजार शेडो में खाना बनाते नजर आये. जहाँ आसपास के सरपंच व जनप्रतिनिधियों के साथ चार-पांच सौ की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे, जो इस आंदोलन को आगे बढ़ाने की रणनीति बना रहे हैं.

पालनार में सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी के साथ बेला भाटिया भी पहुँची हुई थीं, जहाँ आदिवासियों को एकत्र कर आंदोलन की रूपरेखा को लेकर रायशुमारी ली गई, आंदोलन आगे बढ़ाने की बात तय हुई. जनप्रतिनिधियों में भूतपूर्व विधायक नंदाराम सोढ़ी, बेडमा सरपंच शंकर कुंजाम, पालनार सरपंच सुकालू मुड़ामी, समेली सरपंच संजय चोलनार से पँजामी जैसे कई चेहरे मौजूद थे.

सोनी सोरी ने चर्चा में कहा कि हम अनुमति लेने का फिर प्रयास करेंगे. जनता की मांग है आंदोलन और जनता की आवाज उठाना हमारा काम है. वहीं दन्तेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि शनिवार को आंदोलन बिना परमिशन के हो रहा था. हमे आंदोलन से दिक्कत नहीं है, पर नियमतः चीजे होनी चाहिए. सबको अपनी बात रखने का अधिकार है. लाइन ऑडर डिस्टब होने की स्थिति में पुलिस अपने तरीके ही काम करेगी.