पंकज सिंह भदौरिया, दंतेवाड़ा. नक्सलियों की विचारधारा में अब आदिवासी अंचल के मासूम बच्चे भी फंसते नजर आ रहे हैं. पोटाकेबिन के  एक छात्र की तलाशी में मिली सामग्रियों को देख सीआरपीएफ के जवान भी भौचक्के रह गए. नक्सलियों ने अगर स्कूलों तक इस तरह से नेटवर्क फैला रखा है, तो उनकी धमक और कलम के हाथों में बंदूक थमाने की भयानक साजिश नजर आ रही है.

कुआकोंडा स्थित पोटाकेबिन में कक्षा सातवीं में अध्ययनरत छात्र की सर्चिंग में सीआरपीएफ के जवानों को 2 डिब्बे मलेरिया जांच किट और मोबाइल हाथ लगा है. मोबाइल में नक्सलियों की तस्वीरों के अलावा नक्सलियों के संगठन गीत के साथ वीडियो फुटेज मिले. जवानों ने कुआकोंडा पुलिस को इस घटनाक्रम की जानकारी देते हुए मामले को सीडब्ल्यूसी की तरफ बढ़ा दिया है.

साप्ताहिक बाजार के लिए पोटाकेबिन से निकला

जानकारी के अनुसार, कुआकोंडा स्थित पोटाकेबिन में 8वीं तक के बच्चों निवासरत हैं, जिनकी परीक्षा 16 अप्रैल को खत्म हो गई है, जिसके बाद छात्र के परिजन उन्हें छुट्टियों के लिए लेने आने लगे. इन्हें देखकर दूसरे बच्चे भी बिना अनुमति के लिए अपने-अपने घरों के लिए निकलने लगे हैं. पोटाकेबिन अधीक्षक के अनुसार, शनिवार को नकुलनार साप्ताहिक बाजार के दिन सब्जी खरीदने के लिए बाहर निकलते ही 35 बच्चे एक साथ पोटाकेबिन से निकल गए. माना जा रहा है कि बच्चों ने निकलने के लिए इसी दिन को इसलिए चुना क्योंकि साप्ताहिक बाजार के दिन दूर-दराज अंदरुनी क्षेत्रों से वाहन चलते हैं.

स्कूल से चुराया मलेरिया किट

सीआरपीएफ बड़े गुडरा के जवानों की सर्चिंग में पोटाकेबिन के छात्रों में से एक के पास मलेरिया किट के साथ मिले मोबाइल में नक्सली सामग्री मिली. मलेरिया किट के संबंध में विद्यालय में बच्चों के इलाज के लिए नियुक्त एएनएम ने बताया कि चाबियां फर्स्टएड बॉक्स में रहती है और यह बॉक्स इमरजेंसी इलाज के 24 घण्टे खुला रहता है, जिससे 2 डिब्बे मलेरिया के किट गायब हुए हैं. एक डिब्बे पर 10 फीस किट रहता है.

नक्सलियों के आदर्श गांव का रहवासी

सर्चिंग में जिस बच्चे के पास से मोबाइल मिला वह ऐसे गांव का रहने वाला है, जिसे नक्सली आदर्श गांव मानते है. हालांकि, यह वह आदर्श गांव नहीं है, जो सरकार बनाती है. यह लालगढ़ की दहलीज पर सरकार के समांतर सरकार चलाने का दावा करने वाले माओवादियों का बनाया आदर्श गांव है. सवाल यह है कि जिस नक्सली आदर्श गांव का बच्चा निवासी है, उस गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं है, और न ही मेडिकल की सुविधा है. नक्सलियों ने बड़े गुडरा के आगे की पूरी सड़क बीते 6 महीने से काट रखी है.

दंतेवाड़ा एसपी ने की पुष्टि

दन्तेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए मोबाइल की डिटेल खोजने में जुटे हुए हैं. एसपी ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि पोटाकेबिन से छात्र से मिले मोबाइल में नक्सलियों के नाट्य रूपांतरण वीडियो, नक्सली गीत और कुछ नक्सली तस्वीरे मौजूद थी. मामले की पड़ताल की जा रही है.