रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नक्सलवाद उन्मूलन की दिशा में सशक्त रणनीति और दूरदर्शिता को अपनाकर राज्य सरकार ने जो सख्त और प्रभावी कदम उठाए हैं उसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।

सुरक्षा अभियान में आई जबरदस्त गति के फलस्वरूप पिछले डेढ़ वर्षों में प्रमुख नक्सल नेता बासवराजु सहित 425 नक्सलियों को मार गिराया गया, 1,388 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और 1443 नक्सली गिरफ्तार किए गए। इसे एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। साय सरकार के समेकित पुनर्वास और विकासपरक नीति के ज़रिए आत्मसमर्पित नक्सलियों को सम्मानजनक जीवन दिया जा रहा है। ‘नक्सली सरेंडर/विक्टिम रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन पॉलिसी- 2025’ के तहत उन्हें वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण, रोजगार एवं आवास मुहैया कराया जा रहा है। इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 15,000 आवासों का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।

नक्सलवाद के खिलाफ साय सरकार की “ट्विन‑ट्रैक” रणनीति यानि गोलियों का जवाब गोली से भी कारगर साबित हुई है। बस्तर क्षेत्र में ‘नियद नेल्लनार’ परियोजना की सफलता से सभी वाक़िफ़ हैं। सुरक्षा और विकास के संतुलित कदमों के साथ, सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक प्रदेश को पूरी तरह से नक्सल‑मुक्त बनाया जाए। इससे न केवल हिंसा काबू में आएगी, बल्कि पृष्ठभूमि में बसे आदिवासी और समाज के पिछड़े वर्गों का भी समग्र विकास सुनिश्चित होगा।

बस्तर में नक्सलियों की गिरफ्तारी और मारक क्षमता

छत्तीसगढ़ राज्य में जनवरी 2024 से मई 2025 तक करीब 425 नकसली मार गिराए गए जिनमे सिर्फ़ बस्तर, बिजापुर, कांकेर में ही 113 नक्सली मारे गए। वर्ष 2025 के अप्रैल-मई में ही दो बड़े ऑपरेशनों में 30 से ज़्यादा नक्सली जिसमें बिजापुर के 26 और कांकेर के 4 थे।


नागरिकों पर अत्याचार और हताहत आंकड़े

विश्वस्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2001 से 2024 के बीच बस्तर में 1,623 आम बस्तरवासियों की हत्या नक्सलियों द्वारा की जा चुकी है जिनमें 228 लोग सिर्फ़ IED विस्फोट में मारे गए। इसी दौरान बस्तर में नक्सलियों से जंग में 1,292 सुरक्षा कर्मी शहीद हुए। वर्ष 2024–25 में IED विस्फोट और अम्बुश से 32 ग्रामीण और 15 जवान मारे गए। हालिया ऑपरेशन के तहत बीजापुर एनकाउंटर और IED-ऐम्बुश में सुरक्षा बल के कुछ जवान शहीद हुए। Operation Black Forest में सुरक्षा बल का जवान शहीद नहीं हुआ मगर 18 घायल हुए। 


नक्सलवाद की खिलाफ खुले साय सरकार के मोर्चे को मिली बड़ी सफलता

नक्सल गतिविधियों के कारण जानोमाल के होने वाले बड़े नुक़सान के एवज में जो सफलता मिली है वह भी उल्लेखनीय है, CPI (Maoist) के जनरल सेक्रेटरी बासवराजु जिन पर 1.5 करोड़ का इनाम था उसका मई 2025 में मारा जाना, नवंबर–दिसंबर 2024 में कांकेर एनकाउंटर में तीन वरिष्ठ Maoist कैडर का मारा जाना और अप्रैल 2024 को कांकेर- बस्तर ऑपरेशन में 29 नकसली जिनमें 3 उनके वरिष्ठ नेता भी थे उनका मारा जाना बहुत ही निर्णायक रहा। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को पूरी निडरता, स्पष्टता और सख़्ती से कुचलने वाली राज्य की साय सरकार ने अपने जवाबी रणनीति से पिछले चार महीनों में 100 से ज़्यादा नक्सली ढेर कर दिए हैं। बस्तर के केर्रेगुट्टा ऑपरेशन में मात्र 24 दिनों में 31 नक्सली मारे गए। वर्ष 2014 से 24 तक नकसली हिंसा की घटनाओं में 53% कमी, सुरक्षा बल हताहतों में 73% कमी, नक्सलवाद से आम नागरिकों की मौतों में 70% कमी दर्ज की गई है। नक्सली-प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 12 हो गई है। बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 302 नए सुरक्षा कैम्प और 68 हेलिपैड बनाए गए हैं।


नक्सल प्रभावित बस्तर में विकास और समुदाय-निर्माण संरचना

नक्सलवाद की आग से बुरी तरह झुलस चुके बस्तर को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की साय सरकार की कोशिशें भी रंग ला रही है।खेल एवं बाल विकास के तहत क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर की संस्था ‘सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन’ बस्तर से खेल प्रतिभा निकालने के काम में जुट गई है। इसके लिए दंतेवाड़ा के 50 गांवों में खेल मैदान बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 15 तैयार हो चुके हैं। यह संस्था 24 मार्च 2025 से मान देशी फाउंडेशन के साथ मिलकर काम कर रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को बिजली, शिक्षा, मोबाइल कनेक्टिविटी, आयुष्मान कार्ड, राशन, अस्पताल-सड़क और आवास योजना से जोड़कर छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने बस्तर के सुदूर अंचल तक सुशासन पहुँचाने का काम किया है।आत्मसमर्पण करने वाले 1,355 नक्सलियों का संपूर्ण रीहैब और समुदाय पुनर्संयोजन किया जा रहा है।

लक्ष्य- नक्सल-मुक्त छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि “नक्सलवाद अब अंतिम सांसे ले रहा है और जल्द ही बस्तर पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो जाएगा। “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई रणनीति बनाकर हमने नक्सलवाद के कैंसर को नष्ट करने का काम किया है। इस कैंसर को नष्ट करने के लिए जरूरी था कि इसकी जड़ों पर प्रहार किया जाए। हमारे जवानों ने नक्सलवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकानों पर हमला किया।” मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के नतीजे बहुत अच्छे रहे और एक साल के भीतर ही 260 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया। आतंक से मुक्ति के साथ ही बस्तर में नक्सल प्रभावित रहे क्षेत्रों में विकास की राह भी खुल गई है।एक लम्बे अरसे के बाद विद्यालयों में घंटियां गूंजी, पानी-बिजली का पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हुआ।”

वर्तमान स्थिति में, बस्तर में नक्सलियों की क्षमताएं बेहद कमजोर हुई हैं, नागरिकों और सुरक्षा बलों की सुरक्षा बेहतर से बेहतरीन होने लगी है। विकास और विकास के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करना बस्तर के लिए सकारात्मक साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने सुरक्षा‑विकास का संतुलन साधा है और मार्च 2026 तक लक्ष्य को हासिल करने के लिए समग्र पारदर्शिता, स्थानीय स्वीकृति और नैतिक संरक्षण पर ध्यान दे रही है।